राहुल गांधी बोले– जीत के कई दावेदार होते हैं, हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं

चंडीगढ़ में हरियाणा कांग्रेस की बैठक में पार्टी नेता राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि चुनावी हार की जिम्मेदारी उनकी है। उन्होंने कहा, “जीत के कई दावेदार होते हैं, लेकिन हार की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता। मैं राहुल गांधी, इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं।”

बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि विधानसभा चुनावों में नेताओं ने वोट प्रतिशत का हवाला दिया, लेकिन उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि “सच को स्वीकार कीजिए, हम ऐसी सीटें हारे जहां जीत हमारी मुट्ठी में थी।”

संगठन को लेकर दिए निर्देश

राहुल गांधी ने टिकट वितरण के दौरान पैदा हुए मतभेदों को लेकर कहा कि विधानसभा चुनाव में राज्य में राजनीतिक असंतुलन नजर आया, जिसे भविष्य में नहीं दोहराया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगले दो महीनों में हरियाणा कांग्रेस को पूरी तरह से संगठित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता तय किए जाएंगे, उसके बाद जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी।

बैठक में वरिष्ठ नेता रहे मौजूद

4 जून को चंडीगढ़ में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता राहुल गांधी ने की। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य था ‘संगठन सृजन अभियान’ पर चर्चा करना और हरियाणा में जल्द मजबूत संगठन खड़ा करना।

बैठक के बाद कुमारी शैलजा ने कहा, “हम लंबे समय से संगठनात्मक बदलाव का इंतजार कर रहे थे। अब जब राहुल गांधी खुद इस पर गंभीरता से काम कर रहे हैं, तो सभी नेताओं को एकजुट होकर ईमानदारी से काम करना चाहिए।”

हुड्डा–शैलजा खेमे की खींचतान आई थी सामने

2024 विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में गुटबाजी भी सामने आई थी। भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच टिकट वितरण और नेतृत्व को लेकर विवाद गहराया था। शैलजा गुट का आरोप था कि टिकट वितरण में उनके खेमे की अनदेखी की गई, जबकि हुड्डा समर्थकों को प्राथमिकता दी गई।

शैलजा स्वयं चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। साथ ही उनके समर्थकों को प्रचार से भी दूर रखा गया। आरोपों के अनुसार, शैलजा के खिलाफ जातिगत टिप्पणियां भी की गईं। जहां एक ओर हुड्डा ने जाट मतदाताओं को साधने की कोशिश की, वहीं शैलजा की नाराजगी ने दलित वोट बैंक को प्रभावित किया, जिससे भाजपा को अप्रत्याशित लाभ मिला।

चुनावी परिणाम ने चौंकाया

हरियाणा चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए झटका साबित हुए। 8 अक्टूबर को घोषित परिणामों में कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी 48 सीटें जीतकर सत्ता में बनी रही। मतदान के बाद आए एग्जिट पोल्स में कांग्रेस की जीत के अनुमान लगाए जा रहे थे, लेकिन परिणाम इसके विपरीत निकले।

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