केसीसी बैंक निदेशक मंडल को बड़ा झटका, कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव खारिज

धर्मशाला: कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक (केसीसीबी) लिमिटेड के मौजूदा निदेशक मंडल को कार्यकाल विस्तार की उम्मीदों पर तगड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश सहकारी सभाएं विभाग के रजिस्ट्रार (आरसीएस) ने बीओडी का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। निर्देश दिए गए हैं कि तय समयसीमा के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूरी की जाए, अन्यथा सरकार को बैंक में प्रशासक की नियुक्ति करनी पड़ सकती है।

बैंक बोर्ड का पांच वर्ष का कार्यकाल इस वर्ष सितंबर 2025 में समाप्त हो रहा है। नियमानुसार, कार्यकाल खत्म होने से 90 दिन पहले चुनाव प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए थी, जिसकी अंतिम तिथि 30 जून थी। वर्तमान निदेशक मंडल में कुल 16 सदस्य हैं, जो कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति जिलों से चुनकर आए थे।

बैंक प्रबंधन ने मानसून और मौसम की दुहाई देते हुए बीते माह हुई बोर्ड बैठक में कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव पास कर आरसीएस को भेजा था। लेकिन रजिस्ट्रार डॉ. आरके प्रूथी (आईएएस) ने स्पष्ट किया है कि हिमाचल प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम, 1968 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो निदेशक मंडल के कार्यकाल को पाँच साल से अधिक बढ़ाने की अनुमति देता हो। उन्होंने धर्मशाला के अतिरिक्त रजिस्ट्रार को इस पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

2017 की भर्ती परीक्षा पास करने वाले अब भी इंतजार में

केसीसी बैंक की वर्ष 2017 की भर्ती परीक्षा पास करने वाले 216 अभ्यर्थियों को अब तक नियुक्ति नहीं मिली है। अभ्यर्थियों ने बताया कि बैंक ने सहायक प्रबंधक, जूनियर कंप्यूटर प्रोग्रामर, लिपिक और कंप्यूटर ऑपरेटर समेत विभिन्न पदों के लिए आवेदन मंगाए थे। परीक्षा हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड धर्मशाला द्वारा आयोजित की गई थी, जिसके बाद साक्षात्कार भी करवाए गए थे।

लेकिन आठ वर्षों बाद भी नियुक्तियां नहीं हुईं। इस संबंध में अभ्यर्थियों ने बार-बार अपनी आवाज उठाई है। केसीसी बैंक के चेयरमैन कुलदीप पठानिया ने बताया कि यह विषय सरकार के समक्ष उठाया गया है और जल्द समाधान की कोशिश की जा रही है।

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