हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर लगातार जारी है। बिलासपुर जिले की उप तहसील नम्होल के गुतराहन गांव में शनिवार सुबह बादल फटने से दो वाहन मलबे में दब गए और पांच वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मलबे से वाहन निकाल दिए गए हैं, लेकिन इस कारण नम्होल-डाबर सड़क बंद हो गई। वहीं, ग्रामीण कश्मीर सिंह के खेतों को भी भारी नुकसान हुआ। यदि पानी का बहाव सड़क की ओर नहीं मुड़ता, तो गुतराहन गांव में और अधिक तबाही हो सकती थी। लगातार दो दिन की बारिश के कारण घुमारवीं में सीर खड्ड का जलस्तर बढ़ गया है, जो इस बरसात में सबसे अधिक है।
भरमौर-पठानकोट हाईवे पर भी कई जगह भूस्खलन हुआ। राज्य में शनिवार सुबह तक तीन नेशनल हाईवे सहित कुल 577 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा 389 बिजली ट्रांसफार्मर और 333 जल आपूर्ति स्कीमें प्रभावित हुईं। कुल्लू में 174, मंडी में 166, शिमला में 48, कांगड़ा में 45, चंबा में 44 और सिरमौर में 28 सड़कें बंद हैं। भरमौर-पठानकोट हाईवे पर तुन्नूहट्टी, लाहड़ और मैहला के पास भूस्खलन के कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। एनएच मंडल के अधिशासी अभियंता मीत शर्मा ने बताया कि भारी बारिश और मलबे के कारण वाहनों की रफ्तार रुक गई।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई हिस्सों में 19 सितंबर तक बारिश जारी रहने का अनुमान है। 13 और 14 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें कुछ स्थानों पर भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। शनिवार सुबह से कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश हो रही है, जबकि शिमला में हल्के बादलों के बीच धूप खिली है। बीती रात पालमपुर में 86.0 मिमी, मुरारी देवी में 69.2 मिमी, कांगड़ा में 58.2 मिमी, जोगिंद्रनगर में 45.0 मिमी और अन्य स्थानों पर भी बारिश दर्ज की गई।
इस मानसून सीजन में अब तक कुल 4,465 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। 20 जून से 12 सितंबर तक 386 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 451 लोग घायल हुए हैं और 41 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य में 538 पक्के और 834 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, वहीं 1,878 पक्के और 4,005 कच्चे मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।