हिमाचल प्रदेश में बारिश का दौर थमते ही भूस्खलन का दौर शुरू हो गया है। सोमवार को सोलन और सिरमौर जिला में भूस्खलन होने से दो मकानों और तीन वाहनों को नुकसान हुआ है। शिमला-परवाणू फोरलेन पर कुमारहट्टी के पास भरभराकर डंगे समेत पहाड़ी से मलबा सड़क पर आ गया। 15 मिनट यातायात बंद रखा गया। वहीं, एक लेन भी बंद रही। उधर, जिला सिरमौर की उपतहसील पझौता के दुर्गम क्षेत्र टालीभुज्जल पंचायत के नौहरा खड्ड के साथ भारी भूस्खलन होने से एक रिहायशी दो मंजिला मकान सहित तीन वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गए। दोनों स्थानों पर भूस्खलन होने से कुछ समय के लिए यातायात भी प्रभावित हुआ।
सोमवार दोपहर कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर कुमारहट्टी-सोलन बाईपास पर डंगा 35 फीट ऊंचा डंगा भरभराकर गिर गया। डंगा गिरने के साथ ही पहाड़ी से पत्थर और मलबा भी सड़क पर आ गया। भारी मात्रा में भूस्खलन होने के कारण एक लेन पूरी तरह से बंद हो गई। वहीं, सड़क पर धूल ही धूल हो गई। धूल होने और खतरे को देखते हुए 15 मिनट तक दोनों ओर आवाजाही पर ब्रेक लगी रही। कुमारहट्टी से सोलन की ओर आने वाली लेन में मलबा पड़ा होने के चलते वाहनों को दूसरी लेन में डायवर्ट किया। हाईवे पर जिस दौरान भूस्खलन हुआ उस समय कोई भी वाहन सड़क से नहीं गुजर रहा था। स्थानीय लोगों ने भूस्खलन होने की जानकारी पुलिस और फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी को दी। इसके बाद टीम मौके पर पहुंची।
हाईवे पर भूस्खलन दोपहर करीब 12:25 बजे हुआ। इसके बाद 12:40 बजे आवाजाही को चलाया गया। कंपनी की टीम ने मौके पर जेसीबी लगाकर पहाड़ी से गिरे पत्थर और मलबा हटाने का कार्य शुरू किया। अधिक मलबा सड़क पर पड़ा होने के कारण शाम तक मलबा नहीं हट सका। दूसरी लेन में वाहनों को डायवर्ट करने के कारण हादसे की आशंका भी बनी रही। यही नहीं कई वाहन शमलेच टनल में भी गलत दिशा में आते रहे।
कुमारहट्टी के समीप भूस्खलन की सूचना मिलते ही टीम को भेजा गया था। मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है। जल्द ही लेन को सुचारू कर दिया जाएगा।-ई. पंकज, प्रोजेक्ट मैनेजर, फोरलेन निर्माता कंपनी।