हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर जारी है। बारिश और भूस्खलन के कारण दो और लोगों की मौत हुई है। बिलासपुर के कनफारा के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने से श्री नयनादेवी मंदिर में माथा टेकने के बाद बाइक से लौट रहे बठिंडा (पंजाब) निवासी कुलविंदर सिंह की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हुआ। इसके अलावा खराब मौसम के बीच किन्नौर में कैलाश यात्रा पर गए कोलकाता के श्रद्धालु सूरज दास की भी मृत्यु हो गई। कांगड़ा के मंड क्षेत्र में पौंग बांध से पानी छोड़ने की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे पंजाब से लगे इलाके के कई घरों में पानी भर गया। प्रशासन ने अब तक 16 लोगों को सुरक्षित निकाला है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई इलाकों में अगले चार दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। शिमला समेत अन्य जगहों पर मौसम बिगड़ा हुआ है।
बारिश और भूस्खलन की वजह से सोमवार सुबह 10 बजे तक प्रदेश में 334 सड़कें, जिनमें एक नेशनल हाईवे भी शामिल है, बंद रहीं। इसके अलावा 91 बिजली ट्रांसफार्मर और 479 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुईं। नालागढ़ के कुमारहट्टी के पास पहाड़ी से मलबा गिरने के कारण एक कृत्रिम झील बन गई है, जिसके पास एक मकान खाली करवा दिया गया है। कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र में काला छौ पहाड़ी से बड़े पत्थर गिर रहे हैं, जिससे भूपन गांव खतरे में है। मंडी जिले में 189 सड़कें बंद हैं, जबकि कुल्लू में 91 सड़कें और 367 बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 24 अगस्त तक प्रदेश के छह जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, चंबा, शिमला और कुल्लू में 11 से 14 अगस्त के बीच भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी है। बीते 24 घंटों में घाघस में 61 मिलीमीटर, बिलासपुर में 50.2 मिलीमीटर, सराहन में 30 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। अगले दिनांक में तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है।
इस मानसून में 20 जून से 10 अगस्त तक प्रदेश में 224 लोगों की मौत हो चुकी है और 316 घायल हुए हैं, जबकि 36 लोग अभी भी लापता हैं। सड़क हादसों में 116 लोगों की जान गई है। भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ से अब तक 2,351 घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,946 गोशालाएं भी प्रभावित हुई हैं और 1,611 पालतू पशुओं की मौत हुई है। कुल आर्थिक नुकसान लगभग 1989 करोड़ रुपये के आसपास बताया जा रहा है। रवाणू-शिमला फोरलेन सोमवार सुबह वाहनों के लिए पूरी तरह खुल गई है, लेकिन जिलों में मौसम अभी भी खराब बना हुआ है।
पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा नेशनल हाईवे सुबह करीब 10 बजे भूस्खलन के कारण बंद हो गया। इस दौरान आयुष विभाग का एक वाहन और एक टिपर भूस्खलन की चपेट में आ गए, लेकिन कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। कई सरकारी और निजी बसें सड़क पर फंसी रहीं। सूचना मिलने के बाद कंपनी की मशीनों ने सड़क खोलने का काम शुरू कर दिया है।