हिमाचल विधानसभा सदन में विपक्ष ने शनिवार को भोजनावकाश के बाद सदन में नारेबाजी और हंगामा किया। विपक्ष व्यवस्था का प्रश्न उठाकर इस बात पर अड़ा रहा कि नियम 130 में सरकारी नौकरियां नहीं दे पाने और आउटसोर्स कर्मचारियों को हटाने पर चर्चा पहले करवाई जाए। सरकार ने इससे पहले अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर पर भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की जांच पर चर्चा को पहले लाया है। इसे न करवाकर आउटसोर्स कर्मचारियों वाली चर्चाओं को पहले किया जाए।
इस पर दोनों पक्षों की लंबी नोकझोंक के बाद दोनों विषयों को क्लब कर चर्चा की गई। व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले कल निवेदन किया गया था कि महत्वपूर्ण विषय है। यह विषय आपसे जुड़ा हुआ नहीं था। जब कहा गया कि बेरोजगारों से संबंधित विषय पर नियम 67 को रद्द करते हैं, ईमानदारी से पालन किया गया। जो प्रस्ताव सतपाल सत्ती और सुखराम चौधरी ने दिया, उसे पहले सदन में लाया जाए। अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड पर चार बार चर्चा कर चुके हैं।
मुख्यंमत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अगर चर्चा के लिए सत्र को बढ़ाना पड़े तो इसे बढ़ा दिया जाएगा। सदन में क्या कब लगाना है, यह डिक्टेट करना सही नहीं है। मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि दोनों मुद्दे महत्वपूर्ण है। दोनों की मंशा एक है। दोनों मुद्दों को क्लब किया जा सकता है। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने भी कहा कि दोनों को क्लब कर दिया जाए। भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने कहा कि स्पीकर सबके संरक्षक हैं। बेरोजगारी पर जान-बूझकर हमीरपुर के चयन आयोग पर चर्चा की जा चुकी है। जान-बूझकर विषयों में देरी की गई है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पहले ही शेड्यूल तय हो जाता है। इस पर सुबह भी व्यवस्था का प्रश्न उठाया जा सकता था। हर चीज को राजनीतिक रंग देना सही नहीं है। जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में भाजपा भी रही। विधानसभा अध्यक्ष का सहयोग रहता था। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सदन और व्यवस्था ही सर्वोच्च है। उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष से प्रस्ताव आया है कि दोनों मुद्दों को क्लब किया जाए। इस पर सदन की सहमति हो तो विचार हो सकता है। वहीं, जयराम ने कहा कि इस विषय की बार-बार चर्चा हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इसे क्लब किया जाए, क्योंकि अंतिम दिन है।
सीएम बोले, कमरे खाली करने को कहा तो होगी जांच
जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन चला हुआ है, फिर भी कुछ विधानसभा सदस्यों के स्टाफ को आवास खाली करने को कहा गया है। यह भी सही नहीं है। अभी विधानसभा चल रही है। इस पर सुक्खू बोले कि हो सकता है कि कमरे के लिए किसी निचले स्तर के स्टाफ ने बोला हो। ऐसा है तो इसकी जांच होगी।