हिमाचल: हाईकमान के पास पहुंची सोलन में कांग्रेस के हाईवोल्टेज ड्रामे की रिपोर्ट

नगर निगम सोलन में महापौर और उपमहापौर चुनाव में कांग्रेस के बागी चार पार्षदों के खिलाफ हाईकमान कार्रवाई कर सकती है। पार्षदों की ओर से पार्टी के खिलाफ किए गए कार्यों को लेकर कांग्रेस प्रदेश सचिव व सोलन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के प्रभारी शशि बहल व सह प्रभारी जितेंद्र ठाकुर ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को शिकायत भेज दी है। मामले में सोलन नगर निगम की नवनिर्वाचित मेयर ऊषा शर्मा, पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर, पूर्व डिप्टी मेयर राजीव कौड़ा और पार्षद अभय शर्मा पर कार्रवाई की मांग उठाई है। शिकायत की कॉपी कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेश महासचिव रजनीश किमटा समेत सोलन चुनाव के लिए लगाए गए तीनों पर्यवेक्षकों को भी भेजी है।

शिकायत पत्र ने उन्होंने आरोप लगाया कि इन चारों पार्षदों ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव के दौरान पार्टी विरोध कार्य किया। 7 दिसंबर को सोलन नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव था। 17 पार्षदों वाले सदन में 9 पार्षदों के साथ कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट बहुमत था। इस प्रकार सभी पार्टी पार्षदों के लिए पार्टी से संबंधित किसी भी मामले में पार्टी के निर्णय का पालन करना अनिवार्य था। इसमें उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान, लोनिवि मंत्री विक्रमादित्य सिंह, स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल को चुनाव पर्यवेक्षक का जिम्मा सौंपा गया था। लेकिन पार्टी के उपरोक्त चार पार्षदों ने पार्टी विरोधी कार्य किया और कांग्रेस पार्टी की गरिमा का कोई सम्मान नहीं किया।

फोन बंद करके गायब हो गए चारों पार्षद
शिकायतपत्र में आरोप है कि पार्षदों के बीच आम सहमति बनाने के लिए 6 और 7 दिसंबर को सभी पर्यवेक्षकों ने सोलन में सहमति के प्रयास किए। 6 दिसंबर को भी रात को बैठक हुई, मगर सहमति न बनने पर सात दिसंबर को सुबह 11 बजे बैठक दोबारा से सर्किट हाउस सोलन में रखी गई। इसमें तय हुआ कि बैठक के बाद सभी पार्षद नगर निगम में चुनाव के लिए इकट्ठे जाएंगे। मगर उसके बाद उक्त चारों पार्षदों ने फोन बंद कर दिए और गायब हो गए।

उन्होंने कहा कि इन पार्षदों ने भाजपा के साथ मिलीभगत करके कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार को नीचा दिखाने का एजेंडा तय कर लिया। भाजपा के साथ आए बैठक मेंचारों पार्षद भाजपा के साथ बैठक स्थल पर आए। भाजपा के साथ उनकी मिलीभगत से चुनाव के नतीजों में भी स्पष्ट रूप से परिणाम सामने आए। इसमें ऊषा शर्मा को मेयर और भाजपा की मीरा आनंद को डिप्टी मेयर चुन लिया गया। इससे बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा के समर्थन से उन्होंने मेयर की सीट ली और भाजपा को डिप्टी मेयर की सीट दे दी।

सरकार, संगठन में बेहतर तालमेल : विक्रमादित्य सिंह

उधर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल है और कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। वह शुक्रवार को मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहे। उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मौजूद रहीं। भाजपा विधायक अनिल शर्मा ने उनका स्वागत किया और समारोह में साथ मौजूद रहे। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि संगठन की सोच पर ही सरकार काम कर रही है।

ओपीएस जैसी गारंटी को पूरा किया जा चुका है। बाकी गारंटियों को भी पूरा करने का काम चला है। हिमाचल में सड़कों के सुधार और विस्तार पर 2,600 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। विक्रमादित्य सिंह के मंडी सदर के दौरे से पहले ही विधायक अनिल शर्मा के पुत्र आश्रय शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल दी थी।

आश्रय शर्मा ने लिखा था कि विक्रमादित्य सिंह ऐसे उद्घाटन करने के लिए आ रहे हैं जो कई वर्षों पहले ही हो चुके हैं। इस पर पूछे गए सवाल के जबाव में विक्रमादित्य सिंह ने हंसते हुए जबाव देकर कहा कि आश्रय शर्मा की टिप्पणी पर अनिल शर्मा ही बेहतर बता सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह सड़कों के अपग्रेडेशन के कार्यों का शुभारंभ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कौन क्या टिप्पणी कर रहा है उस पर कुछ नहीं कहेंगे।

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