हिमाचल प्रदेश के सराज क्षेत्र में आई आपदा के चलते लापता लोगों की तलाश में एनडीआरएफ की टीम लगातार नौवें दिन भी जुटी रही। इस अभियान में ड्रोन की मदद ली जा रही है। जिन स्थानों से स्वर्ण सिंह के बहने की आशंका थी, वहां अब खोज बंद कर दी गई है। एनडीआरएफ के जवान पंडोह तक देजी खड्ड के किनारे सर्च अभियान में तैनात रहे।
सोमवार को उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने जंजैहली में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अब तक किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए पीड़ितों को हरसंभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। राहत सामग्री युद्धस्तर पर आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचाई जा रही है, जिसमें वायुसेना का सहयोग लिया जा रहा है। हेलिकॉप्टर से 249 तिरपाल, 170 कंबल, दूध पाउडर, बिस्किट, रेडी टू ईट फूड और मसालों की करीब 130 पेटियां भेजी गई हैं।
प्रदेश में 227 सड़कें और 174 पेयजल योजनाएं प्रभावित
भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से प्रदेश में व्यापक नुकसान हुआ है। मंगलवार सुबह तक 227 सड़कें बंद हैं, 163 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं और 174 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी ज़िले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां 153 सड़कें, 140 ट्रांसफार्मर और 158 जल योजनाएं प्रभावित हैं। सराज के कई गांवों में लोग नौ दिनों से बिजली के बिना हैं। सिरमौर में 34 और कुल्लू में 21 मार्ग बाधित हैं।
सराज में तबाही के आंकड़े: 353 घर क्षतिग्रस्त, 700 से अधिक पशुओं की मौत
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 20 जून से 8 जुलाई तक राज्य में 80 लोगों की जान गई है, 128 घायल हुए हैं और 35 लोग लापता हैं। 382 मकान और 364 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इस अवधि में 28 सड़क दुर्घटनाएं भी हुई हैं। सराज क्षेत्र में सबसे ज्यादा तबाही हुई है, जहां 353 मकान और 272 गोशालाएं क्षतिग्रस्त होने के साथ-साथ 700 से अधिक पशुओं की मृत्यु हुई है। प्रशासन का अनुमान है कि क्षतिग्रस्त घरों की संख्या 400 से अधिक हो सकती है।
ड्रोन से आंका जाएगा वन संपदा का नुकसान
नाचन और सराज के वन क्षेत्रों में भी भारी नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण करोड़ों की वन संपदा नष्ट हो गई है। मलबे के साथ पेड़ बह गए और कई क्षेत्रों में भूमि कटाव हुआ। सड़कें और रास्ते बाधित होने से मौके पर आकलन मुश्किल है, जिसके चलते वन विभाग ने ड्रोन के जरिए नुकसान का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है।
मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट, अगले 5 दिन बारिश के आसार
शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राज्य में 8 से 14 जुलाई के बीच कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और कुछ हिस्सों में भारी वर्षा की संभावना है। बीती रात गोहर में 85 मिमी, सराहां में 84.5 मिमी, बैजनाथ में 60 मिमी, नाहन में 54.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। अगले 24 घंटों में चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में कुछ जलग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
चंबा में नाले में उफान से सड़क का हिस्सा बहा
चुराह उपमंडल के पंगोला नाले में मंगलवार सुबह आई बाढ़ से नकरोड़-गड़फरी-थल्ली मार्ग प्रभावित हुआ। ग्राम पंचायत थल्ली के समीप परियाल में सड़क का लगभग 50 मीटर भाग बह गया है। दोनों पंचायतों के बीच संपर्क टूट गया है। गड़फरी पंचायत के छात्र जो इस मार्ग से थल्ली स्कूल जाया करते थे, अब आवागमन नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि रास्ता पूरी तरह नष्ट हो चुका है।