हिमाचल में भूस्खलन और बारिश से हालात बिगड़े, सैकड़ों सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश और भूस्खलन से स्थिति गंभीर बनी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों सड़कें बंद हैं और बिजली-पानी की आपूर्ति प्रभावित होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। शनिवार सुबह तक राज्य में तीन नेशनल हाईवे समेत 1,004 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा 1,992 बिजली ट्रांसफार्मर और 472 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। चंबा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी नुकसान दर्ज किया गया है। शिमला में हल्की बारिश जारी है और खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का हमीरपुर का दौरा रद्द कर दिया गया।

कुल्लू के इनर अखाड़ा बाजार में मलबे में दबे लोगों की तलाश चौथे दिन भी जारी रही। शनिवार को तीन और शव बरामद किए गए, जबकि दो लोग अभी भी लापता हैं। अब तक दोनों घटनाओं में कुल सात शव मिले हैं।

भरमौर में फंसे श्रद्धालुओं और लंगर समिति के सदस्यों को वायुसेना के हेलिकॉप्टर के जरिए जिला मुख्यालय चंबा पहुंचाया गया। शुक्रवार को भी चिनूक हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया था।

उपमंडल बंगाणा के टकोली पंचायत के दगडाह गांव में भारी बारिश के कारण गुरदास राम का मकान जमींदोज हो गया। इससे गरीब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। थानाकलां के पास सड़क धंसने से ऊना-भोटा मार्ग बड़े वाहनों के लिए बंद है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के कई हिस्सों में 12 सितंबर तक बारिश जारी रहेगी। कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात नयना देवी में 136.8, बरठीं 25.6, मालरांव 25.0, सराहन 20.0, धौलाकुआं 18.5 और रोहड़ू में 10.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।

किन्नौर जिले के लिप्पा गांव में अचानक बाढ़ से कृत्रिम झील बन गई, जिससे कई घर जलमग्न हो गए और बागबानी, पेयजल स्रोत और सेब के पौधों को भारी नुकसान हुआ।

इस मानसून में प्रदेश में अब तक 360 लोगों की मौत हो चुकी है। 426 लोग घायल हुए हैं और 47 अभी भी लापता हैं। 163 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई। बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की 278 घटनाएं दर्ज हुई हैं। 1,366 पक्के और 3,218 कच्चे घर, 452 दुकानें और 4,816 गोशालाएं प्रभावित हुईं। 1,967 पालतू पशु भी मरे।

सोलन जिले में जल शक्ति विभाग की 453 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। विभाग प्रभावित योजनाओं को पुनः सुचारू करने में जुटा है। निगुलसरी के पास सात दिनों तक बंद रहे एनएच-5 को बहाल कर दिया गया है, जिससे शिमला-किन्नौर मार्ग खुल गया।

सोलन के धर्मपुर और कंडाघाट क्षेत्रों में जमीन लगातार धंस रही है, जिससे कई मकानों और विद्युत लाइनों को खतरा है। लूहरी-दलाश मुख्य सड़क भी भूस्खलन के कारण बंद है। लोग पैदल ही बाजार और जरूरी वस्तुएं प्राप्त करने को मजबूर हैं।

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