राज्यमंत्री अजय टमटा का बयान- हिमाचल में 73,000 करोड़ की सड़क परियोजनाएं जारी

केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टमटा ने कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार केंद्र पर निराधार आरोप लगा रही है। हिमाचल में 73,000 करोड़ के सड़क निर्माण के काम चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की क्लीयरेंस नहीं मिलने के कारण करोड़ों के काम अटके हैं। अगर प्रदेश सरकार अच्छे से काम करेगी तो प्रदेश में तेज गति से विकास होगा। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी है।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य लोक निर्माण विभाग, हिमाचल प्रदेश (क्षेत्रीय कार्यालय शिमला, सड़क परिवहन और राजमार्ग) के साथ राष्ट्रीय राजमार्गों का संक्षिप्त विवरण कुछ इस प्रकार है। हिमाचल प्रदेश में एनएच की लंबाई 2,592 किमी है। इसमें से 1231 किमी पीडब्ल्यूडी/सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पीआईयू को, 792 किमी एनएचएआई को और 569 किमी सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपी गई है। वर्तमान में क्षेत्रीय कार्यालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय शिमला के अधीन 18 परियोजनाएं चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि सीआरआईएफ की स्थिति (सड़क और सेतु बंधन) अब तक (22.04.2025), हिमाचल में सीआरआईएफ परियोजनाओं (सड़क) की कुल स्वीकृत राशि 2287.66 करोड़ है, इसमें से प्राप उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) के आधार पर 1329.48 करोड़ पहले ही जारी किए जा चुके हैं। वर्तमान बीओएस (बैंक ऑफ सेंक्शन) अनुपात 8.66 है। सेतु बंधन के अंतर्गत सीआरआईएफ कार्यों के लिए कुल स्वीकृत राशि 154.25 करोड़ रुपये है, जिसमें से 7.04 करोड़ रुपये प्राप्त यूसी के आधार पर जारी किए गए हैं। वर्तमान बीओएस (बैंक ऑफ सेक्शन) अनुपात 7.25 है।

उन्होंने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण हिमाचल प्रदेश राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों को लगभग 43,000 करोड़ की पूंजी लागत से क्रियान्वित कर रहा है। इसमें लगभग 768 किलोमीटर राजमार्गों एवं 68 सुरंगों का निर्माण शामिल है जिसमें परवाणू-ढली की कुल पूंजी लागत 7913 करोड़, पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ 1692 करोड़, किरतपुर-मनाली 13784 करोड़, पठानकोट-मंडी 10067 करोड़ और शिमला-मटौर 10512 करोड़ है।

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