मंडी से सांसद कंगना रनौत ने कहा कि दिशा कमेटी के गठन में देरी नहीं हुई है, अन्य सांसदों की अपेक्षा यह जल्द गठित की गई है। काम का ढिंढोरा पीटने की आदत नहीं है लेकिन अब लगता है कि आदत डालनी पड़ेगी। बिल के विवाद पर बिजली बोर्ड की स्थिति साफ करने के बाद सांसद कंगना रणौत ने कहा कि बिजली बोर्ड उनके पिछले बिलों की जांच करे। यदि उनके ये बिल लाखों में पाए जाते हैं तो वह अपने शब्द वापस लेने को तैयार हैं। पिछले कई सालों से उनके बिल पांच से छह हजार रुपये ही आया करते थे।
‘हर विषय को राजनीति से जोड़ना सही नहीं’
बिजली बोर्ड के अनुसार फरवरी और मार्च महीने के यदि उनकी 20 हजार रुपये लंबित अदायगी थी तो उसके उपरांत उन्हें 70 हजार अधिक बिल किस चीज का डाला गया है। उन्होंने न तो वहां कोई विस्तार किया है और न ही कोई फैक्टरी लगाई है। कंगना ने कहा कि वह भी हिमाचल की निवासी हैं और उनके हर विषय को राजनीति से जोड़ना सही नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा उनके बिल को लेकर जनता के बीच झूठ फैलाया जा रहा है। बता दें कि कंगना ने मनाली स्थित घर का बिजली बिल एक लाख रुपये आने की बात जनसभा के दौरान कही थी। इस मामले में बिजली बोर्ड के एमडी ने भी लंबित बिजली बिल न भरने की बात कही थी। इस पर अब सांसद ने भी अपनी बात रखी और इस तरह के बिजली बिल आने पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।
विक्रमादित्य सिंह ने कंगना पर साधा निशाला
पीडब्ल्यू मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से कंगना रनौत पर निशाना साधा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘मोहतरमा बड़ी शरारत करती हैं, बिजली का बिल नहीं भरती हैं और फिर मंच पर सरकार को कोसती हैं। ऐसा कैसे चलेगा?’
कंगना कलाकार, मनोरंजन करना ही इनका काम : हर्षवर्धन
कंगना कलाकार हैं, मनोरंजन करना ही इनका काम है। अभी इन्हें राजनीति की समझ नहीं है। मंच पर भी कलाकारी करती हैं और राजनीति में भी कलाकारी कर रही हैं। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने शुक्रवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि जितनी बिजली की खपत करेंगी, उतना बिल तो चुकाना ही पड़ेगा। तीन महीने के बिल को एक महीने का बोलकर सनसनी फैलाने की कोशिश कर रही हैं। मंडी की सांसद हैं लेकिन अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह नहीं कर पा रहीं। फिल्मी डायलॉग बोलना इनकी आदत है, इसलिए न तो सरकार इन्हें गंभीरता से लेती है न ही प्रदेश के लोग। इनके हर बयान का मकसद लोगों का मनोरंजन करना होता है। प्रदेश के लोगों ने अपना बहुमूल्य वोट देकर कांग्रेस को सत्ता में भेजा है, सरकार पर अशोभनीय टिप्पणी कर कंगना जनमत का अपमान कर रही हैं।