जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन से हालात गंभीर बने हुए हैं। सोमवार (1 सितंबर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू का दौरा कर बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उन्हें राहत एवं पुनर्वास सुनिश्चित करने का भरोसा दिया। उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा भी मौजूद थे। संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मंत्री को स्थिति की जानकारी दी।
अमित शाह ने चक मांगू गांव के बाढ़ प्रभावित लोगों से मुलाकात की और तवी पुल, शिव मंदिर तथा जम्मू में क्षतिग्रस्त घरों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मौसम विभाग और NDMA के डेटा एनालिटिक्स और एआई के माध्यम से बादल फटने की वजहों का अध्ययन किया जाए। इसके अलावा GLOF Early Warning System की समीक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीम जल्द ही नुकसान का जायजा लेने पहुंचेगी और त्वरित सहायता उपलब्ध कराएगी। शाह ने कहा कि प्रशासन और एजेंसियों ने मिलकर संभावित नुकसान को कम किया है और कई लोगों की जान बचाई है, लेकिन व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है।
14 अगस्त से किश्तवाड़, कठुआ, रियासी और रामबन जिलों में बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने के कारण 130 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 33 लोग अभी भी लापता हैं। मृतकों में 26 अगस्त को माता वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के दौरान भूस्खलन में फंसे 34 तीर्थयात्री भी शामिल हैं। अचानक हुई मूसलाधार बारिश ने जम्मू और आसपास के निचले इलाकों में भारी नुकसान पहुंचाया है।