जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के एक गांव में जून 2024 में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने वाले हरियाणा के लाल मेजर आशीष दहिया को शौर्य चक्र से नवाजा जाएगा। सोनीपत के गांव ककराई निवासी मेजर आशीष दहिया को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा। इसकी घोषणा दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान की गई। लाडले को शौर्य चक्र से सम्मानित किए जाने की घोषणा के बाद से परिवार के साथ गांव में खुशी का माहौल है। गांव के सरपंच कर्मबीर सिंह फौजी ने कहा कि आशीष का गांव पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा। 

मेजर आशीष दहिया के ताऊ जगबीर सिंह दिल्ली पुलिस से बतौर उप निरीक्षक सेवानिवृत्त हैं और सेक्टर-23 में रहते हैं। उन्होंने बताया कि आशीष व उनके भाई अनीश दोनों जुड़वां हैं। उनके पिता स्व. अशोक दहिया भी आर्मी में लांस नायक थे। ऐसे में दोनों भाईयों को देश सेवा का जज्बा विरासत में मिला है। वह जब छह वर्ष के थे, तब उनके पिता का हृदयघात से निधन हो गया था। उनकी मां सविता दहिया ने हमेशा बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। आशीष के भाई अनीश व पत्नी अनुषा दहिया भी सेना में बतौर मेजर देश की सेवा कर रहे हैं।

पढ़ाई में रहे होनहार, हर गतिविधि में लेते थे भाग
आशीष दहिया ने नर्सरी से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई शिवा शिक्षा सदन से पूरी की। स्कूल के निदेशक अरुण बंसल व ज्योति शर्मा ने बताया कि आशीष दहिया शुरू से ही पढ़ाई में होनहार रहे हैं और सभी गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लेते थे। वर्ष 2010-11 में उन्होंने 12वीं उत्तीर्ण की। आशीष दहिया को शौर्य चक्र के नामित किए जाने से स्कूल में भी खुशी का माहौल बना रहा। सभी ने उन्हें बधाई दी है।

इन साहसिक कार्यों के लिए मिलेगा शौर्य चक्र
भारतीय सेना के मेजर आशीष दहिया ने अपने अदम्य साहस, निस्वार्थ कर्तव्यभाव और असाधारण नेतृत्व का परिचय देते हुए एक जटिल सैन्य ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। जून 2022 से अब तक पांच उच्च जोखिम वाले अभियानों में भाग लेकर उन्होंने चार कट्टर आतंकवादियों और तीन इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस को निष्क्रिय किया है।

ग्रेनेड से घायल हुए सैनिक को बचाया
दो जून 2024 को पुलवामा के एक गांव में उन्होंने एक ऑपरेशन का नेतृत्व किया। आतंकवादियों के हमले की सटीक जवाबी कार्रवाई की, जिससे एक भागते आतंकवादी को गंभीर रूप से घायल कर दिया। भीषण गोलीबारी के बीच आतंकवादी की तरफ से फेंके गए ग्रेनेड से एक घायल सैनिक को न सिर्फ बचाया बल्कि सुरक्षित स्थान पर भी पहुंचाया। आशीष दहिया ने दक्षिण कश्मीर के सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहे ए प्लस-प्लस श्रेणी के आतंकवादी को मारा। उनके इस बहादुरी भरे कदम ने न केवल ऑपरेशन को सफल बनाया, बल्कि आतंकवादी नेटवर्क को भी करारा झटका दिया। मेजर आशीष दहिया के इस अदम्य साहस, लोगों व मिशन के प्रति निस्वार्थ प्रतिबद्धता, साहसिक योजना, एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के निर्भीक निष्पादन के लिए उन्हें शौर्य चक्र पुरस्कार के लिए अनुशंसित किया गया।