चिनाब दरिया पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे आर्क रेल पुल पर 15 अगस्त से रेलगाड़ी दौड़ने के आसार हैं। इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। इस पुल पर से ट्रेन के अब तक के सभी ट्रायल सफल रहे हैं। ऐसे में ट्रेन से कश्मीर जाने का इंतजार और कम होता दिख रहा है। हालांकि, आधिकारिक रूप से तारीख की घोषणा का इंतजार है।
वर्तमान समय में कश्मीर घाटी के बारामुला से संगलदान (रामबन) तक ट्रेन चल रही है। इस तरफ कन्याकुमारी से कटड़ा (रियासी) तक ट्रेन चल रही है। 46 किलोमीटर लंबे विद्युतीकृत मार्ग के चालू होने की उम्मीद है। रेलवे 272 किलोमीटर यूएसबीआरएल (उधमपुर- श्रीनगर -बारामुला रेल लिंक) परियोजना में से कुल 255 किलोमीटर को कवर करेगा, जिससे कटड़ा और रियासी के बीच केवल 17 किलोमीटर मार्ग का काम पूरा होना बाकी है। भारतीय रेलवे रियासी और संगलदान के बीच नियमित सेवा शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
दुनिया के सबसे ऊंचे आर्क रेल पुल के व्यापक निरीक्षण के बाद, रेलवे ने पिछले महीने 40 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से रामबन जिले के संगलदान और रियासी के बीच आठ कोच वाली मेमू ट्रेन का सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया था। 48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-संगलदान खंड सहित यूएसबीआरएल परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 फरवरी, 2024 को किया गया था।
260 किमी हवा की रफ्तार का दबाव झेलने में सक्षम
यह पुल इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है। इसे 260 किलोमीटर प्रति घंटे की हवा की गति का सामना करने के लिए सक्षम बनाया गया है। यह उच्चतम तीव्रता के भूकंप को भी सहन कर सकता है।
यूएसबीएल परियोजना की खास बातें
272 किमी लंबी है उधमपुर से बारामुला के बीच रेल परियोजना
119 किमी लंबी 38 सुरंगें हैं इस परियोजना में
12.75 किमी है सबसे लंबी सुरंग (टी-49) की लंबाई
13 किमी है कुल 927 पुलों की लंबाई
दुनिया के सबसे ऊंचे आर्क पुल की खासियत
35 मीटर ज्यादा ऊंचाई है एफिल टावर से
1315 मीटर है चिनाब नदी पर बने पुल की लंबाई
467 मीटर है पुल के मेहराब की चौड़ाई 359 मीटर है नदी तल से पुल की ऊंचाई