रांची। हेमंत सरकार ने झारखंड में कार्यरत निजी कंपनियों द्वारा 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए कानून लागू किया है। निजी कंपनियों एवं संस्थानों में 40 हजार रुपये तक के वेतन वाले पदों पर यह आरक्षण लागू है।
वर्ष 2022 में इससे संबंधित कानून झारखंड राज्य के निजी क्षेत्रों में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 लागू होने के बाद अब तक इसके उल्लंघन के आरोप में विभिन्न कंपनियों से 20.65 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। हालांकि, लगाए गए जुर्माना की राशि इससे अधिक है।
कानून के उल्लंघन पर 3,909 कंपनियों को नोटिस
श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस कानून के उल्लंघन पर अब तक 3,909 कंपनियों को नोटिस भेजा है। हालांकि इनमें से कई कंपनियों ने नोटिस का जवाब देते हुए कानून के अनुपालन सख्ती से करने का आश्वासन दिया है। विभाग द्वार तैयार पोर्टल पर अबतक 7,083 कंपनियों ने अपना निबंधन कराया है। जिन कंपनियों को नोटिस हुआ है, उनमें बड़ी संख्या में वैसे हैं, जिन्होंने अभी तक निबंधन ही नहीं कराया था।
2023-24 में 11,106 स्थानीय युवाओं को मिली नौकरी
विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस कानून के तहत 11,106 स्थानीय युवाओं को झारखंड के निजी क्षेत्रों के प्रतिष्ठानों में रोजगार उपलब्ध कराया गया है। बता दें कि इस कानून को लागू करने को लेकर गठित नियमावली में प्रविधान है कि नियोक्ता को मानव बल, नियोजित स्थानीय उम्मीदवारों की संख्या के साथ सभी विवरण को प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
यदि मानव बल में कमी हो तो वह प्राधिकृत अधिकारी को नियम के प्रारंभ होने की तिथि से 30 दिनों के भीतर निर्धारित प्रारुप में न्यूनतम 75 प्रतिशत स्थानीय नियोजन के मानदंड को पूरा करने हेतु कार्य योजना प्रस्तुत करेगा।