मध्यप्रदेश में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस ने भोपाल के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में SIR प्रक्रिया के दौरान कथित अनियमितताओं, नियमों की अनदेखी और पारदर्शिता के अभाव को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, मध्यप्रदेश को औपचारिक शिकायत सौंप दी है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री अमित शर्मा ने आरोप लगाया कि SIR के नाम पर मतदाता सूची में मनमाने ढंग से कट-छांट की जा रही है। उन्होंने कहा कि वास्तविक, पात्र और वर्षों से मतदान कर रहे मतदाताओं के नाम बिना किसी ठोस कारण सूची से हटाए जा रहे हैं, जिससे नागरिकों में भ्रम और असंतोष की स्थिति पैदा हो रही है।

अमित शर्मा ने बताया कि कई मामलों में मतदाताओं को न तो पूर्व सूचना दी गई और न ही उन्हें आपत्ति दर्ज कराने का अवसर मिला। यह प्रक्रिया निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नियमों और दिशा-निर्देशों के विपरीत है। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो वह इस मुद्दे को जनहित का मामला बनाकर उठाएगी, क्योंकि यह केवल राजनीतिक सवाल नहीं, बल्कि लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों से जुड़ा है।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि SIR में हो रही अनियमितताएं लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव को कमजोर करती हैं। मतदाता सूची में मनमानी से न केवल लोगों के मताधिकार का हनन हो रहा है, बल्कि आगामी चुनावों की निष्पक्षता और विश्वसनीयता भी प्रभावित हो सकती है। शिकायत सौंपते समय अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार और प्रदेश प्रवक्ता अब्बास हाफिज भी मौजूद थे।

अमित शर्मा ने इसे सुनियोजित प्रयास बताया और आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य चुनिंदा वर्ग के मतदाताओं को मतदान से वंचित करना है। उन्होंने मांग की कि दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में SIR प्रक्रिया की तत्काल समीक्षा की जाए।

कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से निम्नलिखित कदम उठाने की भी मांग की है:

  • SIR के तहत हटाए गए सभी नामों की पुनः जांच की जाए।

  • बिना प्रक्रिया के हटाए गए मतदाताओं के नाम दोबारा जोड़े जाएं।

  • पूरी SIR प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमसम्मत बनाया जाए।