मध्यप्रदेश सरकार का पारदर्शी शासन की ओर कदम, डाटा सुधार योजना को मंजूरी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में डाटा सुदृढ़ीकरण योजना को मंजूरी दी गई। यह योजना आर्थिक और सांख्यिकी विभाग के तहत लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य नीतिगत निर्णयों को आंकड़ों के आधार पर अधिक प्रभावशाली बनाना है। समय पर डाटा और उसके विश्लेषण की उपलब्धता से शासन-प्रशासन को योजनाएं बनाने और उनके कार्यान्वयन में बेहतर सुविधा मिलेगी।

प्रदेश के समस्त विभाग बिना किसी बाधा के आंकड़े साझा कर सकेंगे, जिससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी और कर्मचारियों की दक्षता में सुधार आएगा। साथ ही, स्वतंत्र शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं को भी आंकड़े उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे योजनाओं का निर्माण अधिक तथ्यात्मक और परिणामोन्मुखी होगा। आम नागरिकों को भी डाटा की जानकारी मिल सकेगी, जिससे शासन अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनेगा। निवेशकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत होगा, जिससे राज्य में निवेश को गति मिल सकती है।

बिजली परियोजनाओं के नवीनीकरण को मिली स्वीकृति

कैबिनेट ने मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा संचालित गांधीसागर (5×23 मेगावाट) और राणा प्रताप सागर (4×43 मेगावाट) जल विद्युत परियोजनाओं के आधुनिकीकरण और नवीनीकरण प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। गांधीसागर परियोजना की संशोधित लागत 464.55 करोड़ रुपये और राणा प्रताप सागर परियोजना की लागत 573.76 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है।

इन दोनों परियोजनाओं की कुल लागत का वहन मध्यप्रदेश और राजस्थान संयुक्त रूप से 50:50 के अनुपात में करेंगे। मध्यप्रदेश का हिस्सा 127.06 करोड़ रुपये होगा, जिसे वित्त विभाग की अनुशंसा अनुसार चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा। यह परियोजनाएं आगामी 40 वर्षों तक उपयोगी रहेंगी। दोनों राज्यों की विद्युत उत्पादन कंपनियां अपने-अपने हिस्से की परियोजना को संचालित करेंगी और व्यय का लेखा-जोखा पारदर्शी रूप से साझा करेंगी।

उज्जैन और ग्वालियर व्यापार मेलों में मोटरयान कर में राहत

मंत्रिपरिषद ने वर्ष 2025 के विक्रमोत्सव व्यापार मेले, उज्जैन और वर्ष 2024-25 के ग्वालियर व्यापार मेले के दौरान ऑटोमोबाइल विक्रय पर जीवनकाल मोटरयान कर में 50% की छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट दोपहिया, निजी चार पहिया वाहनों और हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर लागू होगी, बशर्ते वाहन संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से स्थायी रूप से पंजीकृत कराए जाएं।

इस निर्णय का उद्देश्य मेला अवधि के दौरान वाहन बिक्री को प्रोत्साहन देना है। मेला क्षेत्र में बाहरी ऑटोमोबाइल विक्रेताओं को वाहन विक्रय के लिए उज्जैन अथवा ग्वालियर के आरटीओ से व्यवसाय प्रमाण-पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा और उन्हें मेला परिसर में भौतिक रूप से उपस्थित रहना होगा।

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