मराठा आरक्षण विवाद पर सीएम फडणवीस का बयान- ओबीसी अधिकार सुरक्षित

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया है। सीएम ने स्पष्ट किया कि मराठा कोटा लागू होने से ओबीसी वर्ग के अधिकारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ओबीसी के लिए निर्धारित लाभ फर्जी लोगों को नहीं दिए जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ओबीसी और मराठा समेत सभी समुदायों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विपक्ष पर अतिवादी राजनीति करने और भय फैलाने का आरोप भी लगाया।

पुणे टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में बोलते हुए सीएम ने कहा कि मराठा कोटा से संबंधित सरकारी आदेश (जीआर) ओबीसी अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा। केवल उन्हीं लोगों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे जिनके पास कुनबी होने का प्रमाण होगा। 2014 से ओबीसी कल्याण से जुड़े सभी निर्णय उनकी सरकार ने लिए हैं।

सीएम ने यह भी बताया कि भाजपा ने ओबीसी कल्याण के लिए अलग मंत्रालय बनाया और महा ज्योति जैसी योजनाएं लागू की। पिछली सरकार के कार्यकाल में 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा बहाल किया गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहा है, जबकि भाजपा सरकार ओबीसी और मराठा सहित सभी समुदायों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम ने चेतावनी दी कि मराठा और ओबीसी के बीच बढ़ती दरार तभी कम होगी जब दोनों समुदायों के नेता सही जानकारी साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि अतिवादी राजनीति से ओबीसी छात्रों की मानसिकता प्रभावित हो रही है, जो किसी भी समुदाय के लिए सही नहीं है।

प्रोफेसरों की भर्ती पर अपडेट:
देवेंद्र फडणवीस ने यह भी बताया कि कॉलेजों में प्रोफेसरों की भर्ती में चल रही देरी को दूर करने के लिए सरकार ने 80 प्रतिशत रिक्त पदों को भरने की अनुमति दी है। आवश्यक बदलाव कर दिए गए हैं और जल्द ही ये पद भर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि डीजे बजाने में नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और लोगों को इस प्रथा को छोड़ने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

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