पंजाब: चन्नी के भाई भी चुनाव मैदान में

पंजाब कांग्रेस में बगावत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई डॉ. मनोहर सिंह ने शुक्रवार को बस्सी पठाना से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस ने चुनाव से पहले एक परिवार एक टिकट का नियम लागू किया था। इसी नियम की वजह से चन्नी के भाई डॉ. मनोहर को टिकट नहीं दिया गया था। हालांकि दूसरी सूची में इस नियम को दरकिनार कर पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल के दामाद विक्रम बाजवा को साहनेवाल से उतारा गया था। वहीं सिद्धू के भांजे स्मित सिंह को अमरगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है। 

कांग्रेस हाईकमान ने बस्सी पठाना से मौजूदा विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी को टिकट दिया है। इसके बाद सीएम के भाई मनोहर सिंह ने इसी क्षेत्र से कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और बतौर आजाद उम्मीदवार चुनाव लड़ने का एलान कर ढोल धमाकों के साथ चुनावी मुहिम का आगाज किया था। 

डॉ. मनोहर सिंह ने एलान किया था कि कांग्रेस से टिकट न मिलने पर भी वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि लोगों का समर्थन उनके साथ है। इसलिए बस्सी पठाना से चुनाव लड़कर अपने विरोधियों को हराएंगे। उन्होंने विधायक जीपी पर सियासी वार करते कहा कि हलके के लोग उनसे ऊब चुके हैं और 2022 में उन्हें कोई मुंह नहीं लगाएगा। 

डॉ. मनोहर ने कहा कि उनके परिवार में पहले भी मुख्यमंत्री चन्नी ने आजाद तौर पर चुनाव जीता था और इस बार भी वह भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतेंगे। आरक्षित क्षेत्र बस्सी पठाना की बात करें तो यहां दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर किस्मत आजमा रहे विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी 2017 में 47309 वोटों से जीते थे। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संतोख सिंह सलाणा को 37273 वोट मिले थे। जबकि शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार दरबारा सिंह गुरु को 24852 वोट ही मिले थे।

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