पंजाब में कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर पार्टी में घमासान छिड़ा है। हालांकि शनिवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने दो बातें साफ कर दी हैं। पहली, उन्होंने पंजाब में खुद को 'अंगद का पैर' बता दिया है। दूसरा, सिद्धू ने कहा, मुझे राहुल गांधी का हर शब्द मंजूर है। आखिरी सांस तक मैं उनकी बात मानूंगा। इसके बाद राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राहुल गांधी छह फरवरी को लुधियाना की वर्चुअल रैली के जरिए 'अंगद का पैर' हिला देंगे। मौजूदा राजनीतिक परिद्रश्य में राहुल गांधी, चरणजीत सिंह चन्नी को बतौर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर सकते हैं।

पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में सिद्धू और चन्नी के लिए ढाई-ढाई साल के सीएम के फॉर्मूला वाले सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, मैं लोगों के बीच रहना चाहता हूं। अमृतसर का एमपी बनकर लोगों के दिल में बस गया। मुझे राहुल का हर शब्द मंजूर है। आखिरी सांस तक मैं उनकी बात मानूंगा। सिद्धू तो पंजाब बदलने आया है, पद के लिए नहीं। चुनावी माहौल में सीएम चन्नी के भतीजे के यहां ईडी की रेड, इस पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा, राजनीति देखो, टाइमिंग क्या है ये भी देखो। चार साल पुराना केस खोल दिया, जनता सब जानती है। पहले कुछ साबित तो करो।

सिद्धू ने कहा, उनकी पत्नी नवजोत कौर ने गलत नहीं कहा है कि आगे हम में से एक रिटायर हो जाएगा। अरे घर चलाने के लिए पैसा चाहिए। कोई तो एक कमाएगा। बतौर सिद्धू, मैंने तो राज्यसभा छोड़ दी थी, मंत्री पद का लालच नहीं किया। मेरा मानना है कि झूठे सपने दिखाकर पंजाब को ठगने वाला नहीं व्यक्ति 'सीएम' की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए।

एक राह जाती है पंजाब के उत्थान की ओर, बस हमें उसी पर चलना है। पंजाब, गुरुओं की धरती है। हम यहां के नौजवान और खेती-किसानी को रोड मैप देंगे। कैप्टन अमरिंदर मुझसे कटते थे, मेरा नुकसान करना चाहते थे। अब देखो, कहां पहुंच गए हैं। जब तक पंजाब ठीक तरह से खड़ा नहीं हो जाता, मैं अपने मार्ग पर आगे बढ़ता रहूंगा। आप अपने निश्चिय पर अड़िग रहें तो लक्ष्य मिल सकता है। भगवान ने मेरे पंखों को उड़ान दी है। सिद्धू की भूमिका थी और आगे भी रहेगी। हम प्रण करते हैं कि आजादी की शाम नहीं होने देंगे, पंजाब की सरजमीं को नीलाम नहीं होने देंगे।

अल्वा ने ट्विटर पर किया था सर्वे

सीएम चेहरे की घोषणा को लेकर कांग्रेस आलाकमान को काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है। हालांकि इस मौके पर किसी एक व्यक्ति को सीएम का चेहरा घोषित करना, कांग्रेस पार्टी के लिए जोखिम भरा कदम हो सकता है। यही वजह है कि ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला आगे बढ़ाया गया है। हालांकि इस पर पार्टी की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा, राहुल गांधी सीएम के चेहरे की घोषणा करेंगे। इसके लिए कौन सा सर्वे किया गया है, इस पर चौधरी ने कुछ नहीं बताया। ये तय है कि दोनों नेताओं में से राहुल जिसका नाम भी आगे बढ़ाएंगे, वह उनकी बात मानेगा। पिछले दिनों राहुल गांधी के खास सहयोगी निखिल अल्वा ने अपने ट्विटर पर लोगों से सीएम चेहरे बाबत सवाल पूछा था। उन्होंने अपने सर्वे में लोगों को तीन विकल्प दिए थे। इनमें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ का नाम शामिल किया गया था। उस सर्वे में 68.7 फीसदी लोगों ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा बताया है। 11.5 फीसदी लोगों ने नवजोत सिंह सिद्धू को और 9.3 फीसदी लोगों ने सुनील जाखड़ के नाम पर सहमति जताई थी।

चन्नी को साथ रखना कांग्रेस के मजबूरी

पंजाब में कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने स्वीकारा है कि कांग्रेस पार्टी मौजूदा समय में सिद्धू, जाखड़ और चन्नी, इन तीनों को साथ रखना चाहती है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के जाने के बाद और अब मनीष तिवारी जैसे कुछ नेता जो अलग सुर में बात कर रहे हैं, उस माहौल में पार्टी कोई जोखिम नहीं लेगी। ये लगभग तय है कि कांग्रेस पार्टी चन्नी के नाम पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी आलाकमान यह निर्णय ले चुका है। इस बाबत अंदरूनी सर्वे भी कराया गया है। चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए दलित और जट सिख, दोनों नेताओं का फ़्रंट फुट पर होना जरूरी है। सिद्धू, जट सिख जिसकी संख्या करीब '19 फीसदी' है, उस समुदाय से आते हैं। चन्नी, दलित समुदाय से हैं। पंजाब में करीब 32 फीसदी दलित वोटर हैं। ऐसे में कांग्रेस ने चन्नी का साथ छोड़ा तो उसे दलितों की भारी नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। ऐसे में पार्टी, दोनों नेताओं को साथ लेकर चलेगी। सरकार बनने के बाद कुछ नया खेल हो सकता है, मगर चुनाव में चन्नी को ही आगे करना पार्टी की मजबूरी है।