सिखों के सर्वोच्च धार्मिक निकाय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सिख सैनिकों के लिए बैलिस्टिक हेलमेट पेश करने के किसी भी कदम का कड़ा विरोध किया है. एसजीपीसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के प्रमुख से मुलाकात की है.
एसजीपीसी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सिखों की पहचान के मामले में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसलिए किसी भी हालत में सिख सैनिकों पर हेलमेट स्वीकार नहीं किया जा सकता है. यह टिप्पणी इन खबरों के बीच आई है कि सिख सैनिकों के लिए बैलिस्टिक हेलमेट लाने पर विचार किया जा रहा है.
एसजीपीसी के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एनसीएम कार्यालय में बैठक में भाग लिया. प्रतिनिधिमंडल में एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल और सदस्य रघबीर सिंह सहारन माजरा शामिल थे. उन्होंने एनसीएम अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा के समक्ष सिख सैनिकों को हेलमेट पहनने के सरकार के कथित प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि इस मुद्दे पर कोई चर्चा या तर्क नहीं हो सकता.
गौरतलब है कि एसजीपीसी पिछले साल हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को लेकर चर्चा में आया था. दरअसल, 2014 में हरियाणा सरकार ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा (मैनेजमेंट) एक्ट बनाया था. इस कानून के तहत हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति का गठन हुआ था. इस समिति के पास गुरुद्वारों के प्रबंधन का कानूनी अधिकार है. जिस साल ये कानून बना, उसी साल SGPC के सदस्य हरभजन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की. 2019 में SGPC ने भी याचिका दायर कर दी. याचिका में कहा गया है कि गुरुद्वारों के प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार के पास कानून बनाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि ऐसी शक्ति सिर्फ संसद के पास है.