अयोध्या आज एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर में ध्वजारोहण कर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इस विशेष अवसर पर RSS प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। पूरे शहर को फूलों और पारंपरिक सजावट से संवारा गया, जबकि देशभर से आए श्रद्धालुओं और गणमान्य व्यक्तियों ने समारोह में हिस्सा लिया।
आस्था ने 500 वर्षों तक सबको जोड़े रखा- सीएम योगी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते पांच शताब्दियों में कई साम्राज्य और पीढ़ियां बदलीं, लेकिन राम भक्तों की आस्था दृढ़ बनी रही। उन्होंने याद दिलाया कि जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया, तब जनमानस का संकल्प एक ही था— “राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।”
सीएम योगी ने कहा कि राम मंदिर पर ध्वजारोहण किसी यात्रा का अंत नहीं बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि करोड़ों राम भक्तों की भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए पूरा देश उनका आभार व्यक्त करता है।
समर्पण करने वाले संतों और कर्मयोगियों की आत्मा को मिली शांति
योगी आदित्यनाथ ने दिवंगत अशोक सिंघल, संत परमहंस चंद्र दास और वीएचपी के डालमिया परिवार का विशेष रूप से स्मरण किया। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण की पौराणिक और शास्त्रीय प्रक्रिया पूर्ण होते देख आज इन सभी महान व्यक्तित्वों की आत्मा को शांति मिली होगी।
उन्होंने कहा कि राम राज्य का ध्वज, जिसकी छत्र-छाया सदियों पहले अयोध्या से विश्वभर में फैलती थी, आज फिर अपने वैभव की ओर अग्रसर है।
भगवा ध्वज- धर्म, सत्य और ‘राष्ट्र धर्म’ का प्रतीक
मंच से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह भव्य राम मंदिर 140 करोड़ भारतीयों की आस्था, सम्मान और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। समर्पण करने वाले सभी कर्मयोगियों को मैं साधुवाद देता हूँ। यह ध्वज याद दिलाता है कि धर्म की ज्योति कभी मंद नहीं पड़ती और रामराज्य के सिद्धांत समय के साथ और प्रासंगिक हो जाते हैं।”
उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने करोड़ों भारतीयों के हृदय में उपजी आस्था को नए स्वरूप में दुनिया के सामने रखा, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आज का यह भव्य मंदिर है।
अयोध्या संघर्ष नहीं, उत्सव की वैश्विक राजधानी बनी- योगी
सीएम योगी ने कहा कि एक समय अयोध्या विवादों और अव्यवस्था का प्रतीक बन चुकी थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में यह शहर धार्मिक उत्सवों का वैश्विक केंद्र बन रहा है। मंदिर परिसर के विकास से लेकर सड़क संपर्क, रामपथ, धर्मपथ और भक्ति पथ जैसी परियोजनाओं ने अयोध्या को नई पहचान दी है।
उन्होंने कहा कि पंचकोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा मार्गों के विकास ने पारंपरिक आस्था को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने का कार्य किया है, जिससे अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है।
नए भारत का उदय- संकल्प का कोई विकल्प नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत की दिशा और दशा में अद्भुत परिवर्तन देखने को मिला है। “आज का भारत विकास और विरासत दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है। यही नया भारत है, जिसकी नींव संकल्प और समर्पण पर टिकी है।”
उन्होंने आगे कहा कि 80 करोड़ लोगों तक मुफ्त राशन, 50 करोड़ नागरिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा, हर जरूरतमंद को आवास और शासन की योजनाओं का समान वितरण— यह सब उसी रामराज्य की झलक है जिसकी परिकल्पना ‘विकसित भारत’ पर आधारित है।