महिला पहलवान राखी ने आज से गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन शुरू किया है। उन्होंने अपने और लाखों महिलाओं के लिए न्याय की मांग करते हुए ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए कि उन्हें बिना किसी कारण के घर से निकाल दिया गया और उनके सम्मान व मेहनत का अपमान किया गया। राखी ने यह भी कहा कि पुलिस और प्रशासन ने उनकी मदद करने के बजाय उन्हें और उनके बुजुर्ग माता-पिता को धमकाया।
राखी ने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें और अन्य महिलाओं को न्याय नहीं मिलता, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगी। उन्होंने कहा, “यह अनशन मेरे लिए नहीं, बल्कि उन सभी बहन-बेटियों के लिए है जो अपने हक के लिए लड़ रही हैं। हमारी ताकत हमारी एकता में है।” उन्होंने समाज से अपील की कि वे उनके साथ खड़े हों और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं।
राखी ने बताया कि उनकी शादी 9 जुलाई 2024 को गाजियाबाद के अवंतिका कॉलोनी निवासी भुवनेश कुमार से हुई थी। शुरू में सब ठीक था, लेकिन कुछ समय बाद ससुराल वालों का व्यवहार बदल गया। उनके पति, जो मुंबई में नौकरी करते हैं, विदेश चले गए और उनके संपर्क के सभी माध्यम बंद कर दिए। उनके ससुर, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा हैं, ने भी उनके साथ बुरा व्यवहार किया। राखी ने कहा कि उन्हें तलाक नहीं चाहिए, बल्कि वे अपने ससुराल में सम्मान के साथ स्वीकार किए जाने की मांग करती हैं।
राखी के इस आंदोलन को कई सामाजिक कार्यकर्ता और संगठनों का समर्थन मिल रहा है। गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर उनके धरने और अनशन के दौरान स्थानीय लोग भी उनके समर्थन में जुट रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनकी मांगों पर चर्चा तेज हो गई है। राखी ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे अपना अनशन और तेज करेंगी।
राखी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें और उनके परिवार को धमकाया। उन्होंने मांग की है कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत उनके मामले की तुरंत और निष्पक्ष सुनवाई हो और दोषियों को सजा दी जाए। साथ ही, यह जांच की जाए कि किसके आदेश पर उन्हें धमकाया गया और पुलिस को पीड़ित महिलाओं के साथ सम्मान और सहानुभूति के साथ पेश आने का निर्देश दिया जाए।