एसबीडी जिला अस्पताल में हंगामा, अधीक्षक और चिकित्सकों के बीच तीखी नोकझोंक

एसबीडी जिला अस्पताल एक बार फिर विवादों में आ गया। मंगलवार को न्यू सर्जिकल वार्ड में भर्ती मरीजों की बेड हेड टिकट (बीएचटी) को लेकर प्रमुख अधीक्षक और दो सर्जन चिकित्सकों के बीच जोरदार बहस हो गई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि अधीक्षक कक्ष में लंबी गहमागहमी का माहौल बना रहा और अन्य डॉक्टरों को भी मौके पर बुलाना पड़ा। इस दौरान सर्जन डॉ. सीपी रोशन ने नाराजगी जताते हुए यहां तक कह दिया कि वे विधायक भाई को बुलाकर धरना दिला देंगे।

जानकारी के अनुसार, अधीक्षक डॉ. सुधा कुमारी मंगलवार को वार्ड निरीक्षण कर रही थीं। इस दौरान मरीजों ने शिकायत की कि उन्हें देखने कोई चिकित्सक नहीं आया। अधीक्षक ने गंभीर मरीजों की बीएचटी नर्सिंग कक्ष से उठाकर अपने पास रख ली। बाद में जब सर्जन वार्ड में पहुंचे तो बीएचटी गायब मिली। नर्स ने बताया कि अधीक्षक फाइलें अपने साथ ले गई हैं। इससे नाराज डॉक्टर बिना मरीज देखे लौट गए। दोपहर में वार्ड ब्वॉय ने बीएचटी वापस पहुंचाई, जिनमें 11 मरीजों की फाइलें थीं। बीएचटी न होने से चिकित्सक मरीज का इलाज नहीं कर पा रहे थे।

इसके बाद सर्जन डॉ. रोशन और डॉ. शिवेंद्र सिंह अधीक्षक कक्ष पहुंचे। आरोप है कि अधीक्षक ने दोनों से बाहर जाने को कहा। इस पर चिकित्सक भड़क उठे और अधीक्षक पर सर्जरी विभाग को जानबूझकर निशाना बनाने का आरोप लगाया। डॉक्टरों ने कहा कि वे सबसे ज्यादा ऑपरेशन करते हैं, फिर भी उन पर जिम्मेदारियां थोप दी जाती हैं।

अधीक्षक डॉ. सुधा कुमारी ने कहा कि दोनों सर्जनों पर मरीजों को न देखने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। अस्पताल की प्राथमिकता मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराना है। चिकित्सकों की लापरवाही से संस्थान का माहौल खराब हो रहा है।

इस बीच मरीजों ने भी अपनी नाराजगी जताई। ककराला निवासी शहबान और शिवदासपुर के बसंत के परिजनों ने कहा कि डॉक्टर वार्ड में नजर नहीं आते। सीटी स्कैन मशीन खराब होने की वजह से बाहर से जांच करानी पड़ी। नर्सें दवा और इंजेक्शन देकर चली जाती हैं, जबकि इलाज के लिए डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ता है। मरीजों ने सवाल उठाया कि उनकी परेशानी का जिम्मेदार कौन है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here