बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के शीतकालीन पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं का आना-जाना शुरू हो गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बाद भी पारंपरिक शीतकालीन पूजा में श्रद्धालुओं का उत्साह लगातार बढ़ रहा है।
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम व मद्महेश्वर की शीतकालीन गद्दीस्थल पर अब तक 3,215 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। बदरीनाथ धाम की शीतकालीन पूजा स्थली योग पांडुकेश्वर में 57 और नृसिंह मंदिर ज्योर्तिमठ में 257 श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। कुल मिलाकर पांडुकेश्वर, ज्योर्तिमठ और ओंकारेश्वर मंदिर में अब तक 3,567 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं।
इस वर्ष शीतकालीन यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिली है। 30 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में उत्तराखंड के शीतकालीन पूजा स्थलों का उल्लेख किया, जिससे देश-विदेश से श्रद्धालुओं में खास उत्साह देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में सरकार इस यात्रा को प्रोत्साहित कर रही है।
मंदिर समिति और जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। स्थानीय व्यापारियों, होटल संचालकों और तीर्थ पुरोहितों से भी सहयोग की अपील की गई है। शीतकालीन पूजा स्थलों पर विशेष पूजा अर्चना, महाआरती, धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से यात्रा को भव्य, आध्यात्मिक और आकर्षक बनाया जा रहा है।