गाजियाबाद: साल 2025 के अंत में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से कमिश्नरेट पुलिस ने जिले में एक व्यापक और सख्त अभियान शुरू किया है। सक्रिय अपराधियों के सत्यापन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है और अब पुलिस का मुख्य ध्यान लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हिस्ट्रीशीटरों की गिरफ्तारी पर केंद्रित है।

पुलिस प्रशासन ने जिले में चिन्हित 226 हिस्ट्रीशीटरों को पकड़ने के लिए सभी थानों में कुल 24 विशेष टीमें बनाई हैं। इन टीमों में अनुभवी उपनिरीक्षक, बीट स्तर पर तैनात पुलिसकर्मी और तकनीकी निगरानी में दक्ष स्टाफ को शामिल किया गया है, ताकि अभियान को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके।

पुलिस के अनुसार हाल के दिनों में 12 हजार से अधिक संदिग्ध और बदमाशों का सत्यापन किया गया है। इस दौरान उनकी वर्तमान स्थिति, संपर्क नेटवर्क और गतिविधियों से जुड़ी अहम जानकारियां जुटाई गई हैं। साथ ही करीब 8,180 अपराधियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार कर एक सेंट्रल डाटाबेस विकसित किया गया है, जिसे बीट स्तर पर काम कर रहे पुलिसकर्मियों को उपलब्ध कराया गया है।

31 दिसंबर तक पूरी करनी होगी कार्रवाई
सत्यापित अपराधियों पर अब बीट स्तर से लगातार निगरानी रखी जा रही है। हिस्ट्रीशीटरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 31 दिसंबर तक की स्पष्ट समयसीमा तय की है। प्रत्येक विशेष टीम को निर्देश दिए गए हैं कि वे एक सप्ताह के भीतर सौंपे गए हिस्ट्रीशीटरों की तलाश पूरी करें।

टीमों को तकनीकी इनपुट, सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय मुखबिरों की सूचना और लोकेशन ट्रैकिंग जैसे संसाधनों का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस रणनीति से पुराने आपराधिक नेटवर्क को कमजोर किया जा सकेगा, शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में निगरानी मजबूत होगी और आने वाले समय में अपराध पर प्रभावी अंकुश लगेगा।