बागपत। जिले में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और गुरुवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 431 पर पहुंचने से हवा का स्तर खतरनाक हो गया। इस कारण जिला प्रशासन ने ग्रेप-3 लागू कर दिया है। इसके तहत सरकारी और निजी गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। धूल नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।

डीएम अस्मिता लाल ने कहा कि प्रदूषण का यह स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और इसे रोकने के लिए सभी को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान पर कूड़ा या पत्तियां जलाते हुए व्यक्ति की फोटो और पूरी जानकारी भेजने पर 2,500 रुपये का प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, साथ ही कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

डीएम ने औद्योगिक क्षेत्र निवाड़ा में सड़क किनारे जमा कचरे और अपशिष्ट को लेकर नाराजगी जताई और पंचायती राज विभाग को इसे साफ कर पौधरोपण कराने के निर्देश दिए। साथ ही बड़ौत में नहर की सफाई के बाद शिल्ट का उचित निस्तारण न होने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई और सुधार के आदेश दिए।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए ट्रैफिक पुलिस, लोक निर्माण विभाग और नगर निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि टीम बनाकर सड़कों पर धूल को रोकें, ट्रैफिक सुचारू रूप से संचालित करें और अवैध पार्किंग व अधिक धुआं छोड़ने वाले वाहनों पर कार्रवाई करें।

बस और कोल्हू संचालन पर भी रोक
ग्रेप-3 लागू होने के बाद जिले के बस स्टैंड पर बसें खड़ी करने के दौरान चालू नहीं की जाएंगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा कोल्हू से अधिक धुआं निकलने पर अस्थायी रूप से उनका संचालन बंद करने के आदेश दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने यह भी नोट किया कि 75 पेट्रोल पंपों में से केवल 34 पंपों पर प्रदूषण जांच की सुविधा उपलब्ध है, जिस पर नाराजगी जताई गई।

लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना
गुरुवार को हवा में प्रदूषण बढ़ने से लोगों को आंखों और गले में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुबह से ही स्मॉग छाया रहा। डिप्टी सीएमओ डॉ. यशवीर सिंह ने लोगों को आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी।

ग्रेप-3 क्या है?
ग्रेप-3 दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए लागू किया जाने वाला चरण है। यह तब लागू होता है जब AQI 401 से 450 के बीच हो। इस चरण में गैर-जरूरी निर्माण कार्य बंद कर दिए जाते हैं और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अन्य उपाय भी किए जाते हैं।