बिजनौर सदर तहसील के नायब तहसीलदार राजकुमार (40) ने बुधवार सुबह अपने सरकारी आवास पर लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद परिवार और रिश्तेदारों में कोहराम मच गया।

कमरे से आई गोली की आवाज

जानकारी के अनुसार, राजकुमार प्रयागराज से लौटकर सुबह करीब साढ़े नौ बजे घर पहुंचे। छोटी बेटी साईं को दुलारने के बाद उन्होंने नहाकर ड्यूटी पर जाने की बात कहते हुए कमरे में खुद को बंद कर लिया। लगभग 20 मिनट तक दरवाजा अंदर से बंद रहा। इसी दौरान गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जब दरवाजा तोड़ा गया तो वह खून से लथपथ बिस्तर पर पड़े मिले। पास में उनकी पिस्टल भी पड़ी थी।

अस्पताल में तोड़ा दम

गोली सिर के आर-पार हो गई थी। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। बताया जाता है कि जिस पिस्टल से उन्होंने गोली चलाई, उसका लाइसेंस उन्हें करीब एक वर्ष पहले मिला था।

पिता बोले– सब उजड़ गया

इकलौते बेटे की मौत ने माता-पिता को पूरी तरह तोड़ दिया। पिता कुंवरपाल रोते हुए अधिकारियों से बेटे को बचाने की गुहार लगाते रहे। मां सदमे से बेसुध रहीं। पत्नी आंचल भी गहरे शोक में हैं। राजकुमार अपने पीछे पत्नी, दो बेटियों और माता-पिता को रोते-बिलखते छोड़ गए हैं।

वैवाहिक और नौकरी का सफर

राजकुमार मूल रूप से बागपत जिले के नागल गांव के निवासी थे। वर्ष 2013 में उनकी शादी शामली के बाबरी गांव की आंचल से हुई थी। उनकी बड़ी बेटी दीया 10 साल की है और छोटी बेटी साईं डेढ़ साल की। सीधी भर्ती में चयनित होकर उन्होंने राजस्व निरीक्षक के पद से सेवा शुरू की। प्रमोशन के बाद नायब तहसीलदार बने और जून 2022 में बिजनौर में कार्यभार संभाला। विभिन्न तबादलों के बाद मई 2025 में उनकी तैनाती फिर बिजनौर सदर तहसील में हुई थी।

वजह पर अब भी सस्पेंस

आत्महत्या की वास्तविक वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है। घटना के बाद जिले में प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों में भी शोक की लहर है।