नई दिल्ली। पिछले दिनों रिकॉर्ड तेजी के बाद सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली है, लेकिन यह अभी भी सवा लाख रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है। इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने 24 कैरेट सोने की 10 ग्राम की कीमत 1,25,342 रुपये बताई है।
हालांकि, बैंक ऑफ अमेरिका ने भविष्यवाणी की है कि 2026 में गोल्ड की औसत कीमत 4,538 डॉलर प्रति औंस रहेगी, लेकिन अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के कारण यह 5,000 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकती है। भारतीय रुपये में यह लगभग 1,57,000 रुपये प्रति दस ग्राम के बराबर है। फिलहाल, वैश्विक हाजिर कीमतें करीब 4,175 डॉलर प्रति औंस हैं।
सोने में तेजी के पीछे कारण
बैंक ऑफ अमेरिका का कहना है कि उच्च सरकारी कर्ज, बढ़ती महंगाई, कम ब्याज दरें और अमेरिकी आर्थिक नीतियों का प्रभाव सोने की कीमतों को और ऊपर ले जा सकता है। इसके अलावा चीन से मांग में गिरावट, खनन धातुओं की आपूर्ति में रुकावट और वैश्विक भंडार में कमी भी इस धातु की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
न्यूयॉर्क फेड के अध्यक्ष जॉन विलियम्स के बयान के बाद कि ब्याज दरों में कटौती से महंगाई पर नियंत्रण प्रभावित नहीं होगा, दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। CME फेडवाच टूल के अनुसार व्यापारियों ने अब दिसंबर में फेड द्वारा दरों में कटौती की 81 प्रतिशत संभावना जताई है, जबकि पिछले सप्ताह यह 40 प्रतिशत थी। कम ब्याज दरें सोने के लिए अनुकूल मानी जाती हैं, क्योंकि यह निवेशकों को कोई यील्ड नहीं देता, जिससे इसकी मांग बढ़ती है।
इस तरह विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतें आने वाले समय में फिर से ऊंचाई छू सकती हैं, खासकर तब जब आर्थिक अनिश्चितताओं और वैश्विक मांग में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा।