ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने अपने 7.5 करोड़ सदस्यों के लिए एक बड़ी घोषणा की है, जिससे उनका जीवन सरल हो जाएगा। संगठन ने ऑटो सेटलमेंट ऑफ एडवांस क्लेम की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया है, जो कि 5 गुना की बढ़ोतरी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने पिछले सप्ताह केंद्रीय न्यासी बोर्ड की कार्यकारी समिति की 113वीं बैठक में इस बदलाव को मंजूरी दी थी। इस कदम से ईपीएफओ के करोड़ों सदस्यों को फायदा होगा।
इस निर्णय के बाद, सदस्य 5 लाख रुपए तक का पीएफ निकाल सकेंगे। यह बैठक 28 मार्च को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में आयोजित की गई थी, जिसमें ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति भी उपस्थित थे। सीबीटी की मंजूरी के बाद, ईपीएफओ सदस्य अब एएसएसी के माध्यम से 5 लाख रुपए तक का पीएफ निकाल सकते हैं। गौरतलब है कि ऑटो सेटलमेंट ऑफ एडवांस क्लेम की शुरुआत 2020 में 50,000 रुपए से हुई थी, और मई 2024 में इसे 1 लाख रुपए तक बढ़ाया गया था।
ईपीएफओ ने तीन और श्रेणियों—शिक्षा, विवाह और आवास के लिए अग्रिम दावों के ऑटो मोड सेटलमेंट की भी शुरुआत की है। पहले, सदस्य केवल बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने के कारण अपना पीएफ निकाल सकते थे। ऑटो-मोड सेटलमेंट के तहत दावों का निपटान केवल 3 दिन में हो जाता है, और अब लगभग 95 प्रतिशत दावे ऑटो सेटलमेंट के जरिए निपटाए जाते हैं।
ईपीएफओ ने इस वित्तीय वर्ष में 6 मार्च 2025 तक 2.16 करोड़ रुपए का ऑटो क्लेम सेटलमेंट निपटान किया है, जो कि पिछले साल के 89.52 लाख रुपए के मुकाबले एक ऐतिहासिक वृद्धि है। इसके साथ ही, दावों के खारिज होने का प्रतिशत पिछले साल के 50 फीसदी से घटकर 30 फीसदी हो गया है। इसके अलावा, पीएफ निकालने के लिए वेरिफिकेशन औपचारिकताओं को 27 से घटाकर 18 किया गया है, और बैठक में इसे और घटाकर 6 करने का निर्णय लिया गया है।