अमेरिका में ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ (जवाबी टैक्स) के बाद ऐसा माना जा रहा था कि Apple अपने iPhone और अन्य उत्पादों की कीमतें बढ़ा सकता है। लेकिन ताज़ा जानकारी के मुताबिक, फिलहाल कंपनी का ऐसा कोई इरादा नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, Apple ने भारत सहित किसी भी देश में अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला नहीं लिया है।
सूत्रों का कहना है कि Apple पहले ही बड़ी संख्या में iPhone और अन्य डिवाइसेज़ को भारत और चीन की फैक्ट्रियों से अमेरिका भेज चुका है। कंपनी ने यह कदम टैक्स लागू होने से पहले उठाया ताकि स्टॉक तैयार रहे और महंगे टैक्स से बचा जा सके।
बताया गया है कि Apple ने बाजार में डिमांड कम होने का फायदा उठाते हुए अमेरिका में भरपूर स्टॉक भेजा है, जिससे अगले कुछ महीनों तक कंपनी को टैक्स के बोझ से राहत मिल सकती है। इस समय Apple के अमेरिका स्थित गोदामों में पर्याप्त स्टॉक मौजूद है, जिससे कंपनी को फिलहाल नए टैक्स रेट के शिपमेंट्स की जरूरत नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका में 5 अप्रैल से 10% बेसिक ड्यूटी और 9 अप्रैल से अलग-अलग देशों पर अलग-अलग शुल्क लागू हो गए हैं। अमेरिका, विशेषकर iPhone जैसे उत्पादों के लिए, Apple का सबसे बड़ा बाजार है। ऐसे में अगर कंपनी कीमतें बढ़ा देती, तो ग्राहक कम हो सकते थे और इसका असर बिक्री और मुनाफे पर पड़ता।
हालांकि, रिपोर्ट्स का यह भी कहना है कि अगर आने वाले समय में परिस्थितियां और जटिल होती हैं, तो कीमतों में बढ़ोतरी सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि भारत सहित अन्य बाजारों में भी प्रभाव पड़ सकता है। फिलहाल Apple टैक्स, प्रोडक्शन और सप्लाई चेन के बीच संतुलन साधने की रणनीति पर काम कर रहा है।
इस पूरी स्थिति के बीच, भारत के लिए एक नई संभावना भी सामने आई है। टैक्स बोझ को देखते हुए Apple भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर विचार कर सकता है। फिलहाल भारत से अमेरिका को लगभग 9 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात किए जाते हैं, जिनमें सबसे बड़ा हिस्सा Apple का है।
गौरतलब है कि भारत से निर्यात पर अमेरिका 26% टैक्स लगा रहा है, जबकि चीन से आने वाले उत्पादों पर यह दर बढ़कर 54% तक पहुंच गई है। ऐसे में भारत में उत्पादन बढ़ाना Apple के लिए एक लाभदायक विकल्प बन सकता है।