छत्तीसगढ़ में लोग अब यूपीआई के जरिए भी वाहन के चालान का भुगतान कर सकेंगे। इसके लिए परिवहन विभाग ने क्यूआर बेस्ड सुविधा की शुरुआत की है। इसके अलावा ओवरलोड वाहनों की चेकिंग के लिए सात मोबाइल-वे ब्रिज की व्यवस्था की गई है। मोबाइल वे-पैड से ओवरलोड गाड़ियों में चालान हो सकेगा। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने रायपुर में दोनों सुविधाओं की बुधवार को शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, इससे चालानी कार्रवाई में पारदर्शिता के लिए पीओएस मशीन का उपयोग होगा। 

परिवहन मंत्री अकबर ने इस दौरान बताया कि प्रदेश में ओवर लोड गाड़ियों की चेकिंग के लिए सात मोबाइल वे-ब्रिज की व्यवस्था की गई है। इससे प्रवर्तन अमला कहीं पर भी गाड़ी का वजन करा सकेगा और पारदर्शिता आएगी। पीओएस के माध्यम से ऑनलाइन चालान होने से प्रवर्तन में पारदर्शिता आएगी। यूपीआई आधारितर क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करने की नई सुविधा भी शुरू की जा रही है। ओवरलोड गाड़ियों से जहां शासन को राजस्व का नुकसान होता है, वहीं सड़कें भी समय से पहले खराब हो जाती हैं। 

चार लाख माल वाहक गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रहीं
प्रदेश में करीब चार लाख माल वाहक गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं। इसके साथ प्रदेश से महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात, झारखंड, पंजाब, उत्तर-प्रदेश और बिहार आदि राज्यों की गाड़ियां गुजरती हैं। अत्यधिक संख्या में गाड़ी होने के वजह से सभी गाड़ी की जांच करने में समस्या होती है। ओवर लोड गाड़ियां पकड़ी भी गई तो इनके वजन का माप करने के लिए धर्मकांटा ले जाना पड़ता है। ऐसे में धर्मकांटा दूर होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मोबाइल वे-पैड आने के बाद यह प्रदेशभर की अलग-अलग सड़कों पर आने-जाने वाले माल वाहक गाड़ियों की तुरंत चेकिंग होगी। 

खदानों और उद्योगों के बाहर रहेगा मोबाइल वे-ब्रिज
परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रदेशभर की खदानों और उद्योगों से निकलने वाली ज्यादातर गाड़ियां ओवर लोड रहती हैं। मोबाइल वे-ब्रिज के आने के बाद इसे खदानों और उद्योगों के बाहर खड़ा कर दिया जाएगा। उसके बाद खदानों और उद्योगों से निकलने वाली गाड़ियों की जांच कर कार्रवाई होगी।

तीन दिन में भर सकेंगे चालानी राशि
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों के चालानी कार्यवाई में पारदर्शिता बनी रहे और काम जल्दी हो इसके लिए पूरे प्रदेश भर पीओएस मशीन के जरिये ई चालान और ईपेमेंट की शुरुआत की जा रही है। किसी व्यक्ति के पास जुर्माने की राशि नही है और ऑनलाइन भुगतान की कोई सुविधा भी नही है. तो उसका गाड़ी नम्बर और मोबाइल नम्बर फीड किया जाएगा। उससे एक नंबर जनरेट होगा. जो उसके फोन पर आएगा। इस नंबर पर पीओएस के जरिये लिंक भेजी जाएगी। जिस पर तीन दिन के अंदर भुगतान करना होगा। 

एक से अधिक बाद नियमों को तोड़ा तो बताएगी मशीन 
एक से अधिक बाद  ट्रैफिक नियमो को तोड़ने वालों की अब खैर नही है। पहले ई-चालान कटा है  और दूसरी बार फिर नियमो को तोड़ते पकड़े गए तो यह पीओएस मशीन पुराना रिकार्ड बता देगी। पीओएस मशीन कई तरह से काम करेगी। इसमें एक सॉफ्टवेयर है। इसके पीछे एक कैमरा भी लगा है, जो मौक़े की फोटो उतारेगा। जिसमें ट्रैफिक नियमों की नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक विभिन्न धाराओं और उनके जुर्माने की राशि फीड है। जिस धारा का उल्लंघन होगा, उसको भरते ही जुर्माने की राशि सामने आ जाएगी।

इस लेनदेन के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया से छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग ने टाइअप किया है। इसके लिए डेबिट कार्ड/एटीएम और नेट बैंकिंग आदि का उपयोग होगा। साथ ही यूपीआई/क्यू आर कोड सिस्टम के माध्यम से भी भुगतान करने की सुविधा उपलब्ध है। इस पर गाड़ी का नंबर और नियम के उल्लंघन की जानकारी फीड करते ही पर्ची निकल जाएगी।