ताबूत बने साक्ष्य, ऑपरेशन सिंदूर पर उपराष्ट्रपति धनखड़ का जोरदार बयान

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह पर तीन नई परियोजनाओं का उद्घाटन किया और इस दौरान विकसित भारत बनने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, जिसके लिए सीमाओं पर शांति अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आर्थिक विकास युद्ध जैसे संकटों के बीच संभव नहीं है।

धनखड़ ने ऑपरेशन सिंदूर का भी समर्थन करते हुए कहा कि कुछ लोग इस अभियान पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन सैनिकों द्वारा लाए गए आतंकवादियों के ताबूत ही पूरी दुनिया को सच्चाई दिखा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के प्रति जुनून की भी उन्होंने प्रशंसा की, जो तेज़ और बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन पर विश्वास करते हैं।

इस कार्यक्रम में गोवा के राज्यपाल पी. एस. श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय राज्य मंत्री शान्तनु ठाकुर, सचिव टी. के. रामचंद्रन, भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारी, पोर्ट अथॉरिटी के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

विकास के लिए सीमा सुरक्षा और शांति जरूरी

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का विकास तभी साकार होगा जब उसकी सीमाओं पर शांति बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि शांति सुरक्षा, आर्थिक और विकास की ताकत से आती है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए राष्ट्रवाद के प्रति प्रतिबद्धता और सतत तैयारी की आवश्यकता है।

ऑपरेशन सिंदूर पर धनखड़ की टिप्पणी

धनखड़ ने कहा कि 22 अप्रैल को पाकिस्तान की ओर से हुए आतंकवादी हमले का भारत ने प्रभावी जवाब दिया। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को सटीक निशाने पर मारकर भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय सीमा पार था, लेकिन सिर्फ आतंकवादियों को निशाना बनाया गया। किसी प्रमाण की मांग भी आवश्यक नहीं क्योंकि आतंकवादियों के शव ही साक्ष्य हैं।

समुद्री सुरक्षा और नियमों को लेकर चुनौतियां

उपराष्ट्रपति ने समुद्र में नियम आधारित व्यवस्था बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है, जिसमें व्यापार, सामरिक चोक प्वाइंट, साइबर खतरों और अंतरराष्ट्रीय अपराधों का संबंध है। इसलिए भारत की समुद्री सुरक्षा को लचीला, सक्रिय और भविष्य के लिए तैयार रखना होगा। शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में भारत को नेतृत्व करना होगा क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और समुद्री मार्गों पर निर्भरता बढ़ेगी।

गोवा में तीन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन

उपराष्ट्रपति ने 3 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र, दो हार्बर मोबाइल क्रेन और कोयला हैंडलिंग के लिए कवर डोम का वाणिज्यिक संचालन शुरू किया। उन्होंने कहा कि भारत अब एक वैश्विक आर्थिक और समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है, जो शांति, सतत विकास और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

परियोजनाओं की लागत और प्रधानमंत्री के विकास मिशन पर जोर

धनखड़ ने बताया कि ये तीन परियोजनाएं लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के तेज और प्रभावी विकास मिशन की भी तारीफ की, जो कामों को तेजी से पूरा करने पर जोर देते हैं। ये परियोजनाएं भारत की बदलती और प्रगतिशील छवि को दर्शाती हैं।

भारतीय तटरक्षक बल की सेवा की प्रशंसा

उपराष्ट्रपति ने तटरक्षक बल की सेवा और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे, तब तटरक्षक बल ने चक्रवातों के दौरान शून्य मृत्यु दर बनाए रखी। यह बल समुद्र में सुरक्षा के साथ-साथ देश की आत्मा भी है। उन्होंने समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र जैसे कोरल रीफ्स, मैंग्रोव्स, कछुओं के प्रजनन स्थल की रक्षा में तटरक्षक बल के योगदान को भी सराहा। साथ ही अवैध मछली पकड़ने, प्रदूषण और जहरीले अपशिष्टों से समुद्र को सुरक्षित रखने में उनके कार्य की प्रशंसा की।

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