अहमदाबाद में एयर इंडिया फ्लाइट AI171 की भयावह दुर्घटना ने सैकड़ों लोगों को झकझोर दिया है। इस त्रासदी से जुड़ी एक अत्यंत मार्मिक कहानी बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल परिसर में रहने वाले डॉक्टर दंपती की सामने आई है, जहां विमान हादसा हुआ था।
डॉ. अनिल और उनकी पत्नी, दोनों पेशे से डॉक्टर हैं और हादसे के समय अस्पताल में ड्यूटी पर थे। हादसे के दौरान उनका आवासिक परिसर विमान की चपेट में आ गया, जिसमें उनकी छोटी बेटी और घरेलू सहायिका गंभीर रूप से घायल हो गईं। दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसी बीच प्रशासन ने उन्हें तत्काल हॉस्टल खाली करने का निर्देश दिया है, ताकि मलबा हटाने और फॉरेंसिक जांच का कार्य किया जा सके। भावुक डॉ. अनिल ने मीडिया के सामने अपनी व्यथा साझा करते हुए कहा, “मेरी बच्ची अस्पताल में भर्ती है, कृपया हमें कुछ दिन का समय दें… मैं पूरी तरह सेवा में जुटा हूं, लेकिन इस हालात में घर खाली करना संभव नहीं है।”
उन्होंने बताया कि वे लगातार हादसे में घायल मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, जबकि निजी जीवन में वह सबसे कठिन समय से गुजर रहे हैं। उनका आग्रह है कि परिवार को दो-तीन दिन का वक्त दिया जाए ताकि हालात कुछ संभल सकें। “मेरे साथ यहां कोई नहीं है, अकेला सब कुछ संभाल रहा हूं,” उन्होंने कहा।
टेकऑफ के तुरंत बाद हुआ हादसा
गुरुवार को दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई फ्लाइट AI171 टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही तकनीकी गड़बड़ी का शिकार हो गई। पायलट ने ‘मेडे कॉल’ भेजा, लेकिन तुरंत संपर्क टूट गया और विमान बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल से जा टकराया। भीषण आग लगने से 275 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। हादसे की चपेट में हॉस्टल में रह रहे मेडिकल स्टाफ और छात्र भी आए।
डॉ. अनिल की कहानी इस हादसे में न केवल व्यक्तिगत पीड़ा का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि संकट की घड़ी में एक चिकित्सक कैसे अपने कर्तव्य और परिवार के बीच फंसा होता है।