‘वोट चोरी’ पर राहुल के आरोपों को नजरअंदाज करें: चुनाव आयोग ने अधिकारियों को दिए निर्देश

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव प्रक्रिया को लेकर दिए गए ‘वोट चोरी’ के बयान पर चुनाव आयोग ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने इसे गैर-जिम्मेदाराना और तथ्यहीन करार देते हुए सभी चुनाव अधिकारियों से अपील की है कि वे इन आरोपों से प्रभावित हुए बिना निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा कायम रखने के लिए लगातार निगरानी: ईसी

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि चुनाव व्यवस्था को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और पूरी प्रक्रिया पर निरंतर निगरानी की जा रही है। राहुल गांधी द्वारा हाल ही में लगाए गए इस आरोप के जवाब में आयोग ने यह टिप्पणी की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में चुनावों में वोट की चोरी हो रही है और लोगों का लोकतांत्रिक प्रणाली से विश्वास उठ रहा है।

राहुल गांधी पर चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग के अनुसार, उन्होंने राहुल गांधी को 12 जून 2025 को ईमेल और पत्र भेजकर जवाब मांगा था, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। आयोग का कहना है कि कांग्रेस नेता ने कभी इस विषय पर कोई प्रत्यक्ष पत्राचार नहीं किया। आयोग ने उनके हालिया आरोपों को ‘अवांछित और दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि अब ये आरोप केवल झूठे बयान नहीं, बल्कि चुनाव कर्मचारियों को धमकाने की कोशिश बनते जा रहे हैं, जो निंदनीय है।

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

23 जुलाई को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने दावा किया था कि देश में चुनावों के दौरान वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर पार्टी द्वारा की गई गहन जांच में वोट सूची में गड़बड़ी और नए वोटर्स के कृत्रिम तरीके से जोड़े जाने के प्रमाण मिले हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि इन तथ्यों को दस्तावेज़ों के साथ सार्वजनिक किया जाएगा।

कांग्रेस का दावा- सबूत मौजूद, 5 अगस्त को प्रदर्शन

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि उनके पास ‘वोट चोरी’ के पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं। उन्होंने जानकारी दी कि 5 अगस्त को राहुल गांधी बंगलूरू में प्रदर्शन करेंगे और चुनाव आयोग को इन दस्तावेज़ों को सौंपेंगे। वहीं, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बताया कि यह प्रदर्शन रैली, मार्च या धरने के रूप में होगा, जिसकी रूपरेखा अदालत के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए जल्द तय की जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here