नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने संसद में पेश किए गए 'जी राम जी' बिल को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला है। यह बिल महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में बदलाव करने का प्रस्ताव रखता है, जिसे 2005 में यूपीए सरकार ने लागू किया था।

राहुल गांधी ने कहा कि इस बिल को लाना महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है और इससे गांव के गरीब लोगों की सुरक्षित आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से महात्मा गांधी के विचारों और गरीबों के अधिकारों के खिलाफ रहे हैं।

मनरेगा के मूल उद्देश्य पर हमला
कांग्रेस नेता ने बताया कि मनरेगा की स्थापना तीन मूल सिद्धांतों पर हुई थी:

  1. रोजगार का अधिकार – जो भी काम मांगेगा, उसे मिलेगा

  2. गांव की प्रगति कार्यों की योजना बनाने की स्वतंत्रता

  3. मजदूरी और लागत का मुख्य खर्च केंद्र सरकार उठाएगी

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि नए बिल से मनरेगा की शक्ति केंद्र में केंद्रीकृत हो जाएगी। राज्यों को अब 40 फीसदी खर्च उठाना होगा और फसल कटाई के मौसम या बजट खत्म होने पर ग्रामीणों को दो महीने तक काम नहीं मिलेगा।

राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि यह कदम न केवल महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है, बल्कि इससे ग्रामीण गरीबों की रोज़ी-रोटी और जीवनयापन पर भी गंभीर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों से प्रधानमंत्री मोदी मनरेगा को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं और यह नया बिल उसी दिशा में एक और कदम है।