लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लेकर दिए गए ताज़ा बयान के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद ने शुक्रवार को कहा था कि पार्टी से ओबीसी समुदाय के हितों की जिस तरह से रक्षा की जानी चाहिए थी, वह अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो सकी। उन्होंने इसे अपनी गलती मानते हुए सुधार की बात कही। इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी समेत अन्य दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

शिवराज सिंह चौहान का तंज — “राहुल को बहुत देर से समझ आता है”
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें हर बात की समझ बहुत देर से आती है। उन्होंने कहा, "पहले आपातकाल के लिए माफी मांगी, फिर सिख दंगों और राफेल पर माफी मांगी, और अब ओबीसी वर्ग से। कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ों के साथ अन्याय किया है। राहुल गांधी जो कर रहे हैं, उसके लिए वे भविष्य में फिर माफी मांगेंगे। वे पहले गलतियां करते हैं और फिर वर्षों बाद पछताते हैं।”

के कविता ने जताई नाराजगी, उठाए कई सवाल
तेलंगाना की बीआरएस नेता के कविता ने भी राहुल गांधी की माफी पर असहमति जताते हुए कहा, “सिर्फ एक साधारण माफी से ओबीसी समुदाय के साथ हुए वर्षों के अन्याय की भरपाई नहीं हो सकती। कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में रही, फिर भी जातिगत जनगणना नहीं करवाई। जिन छात्रों को उनकी योग्यता के बावजूद अवसर नहीं मिले, उनके सवालों का क्या जवाब है?”

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उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनकी माफी सच्चे मन से है और वे वास्तव में पिछड़ा वर्ग के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो तेलंगाना में कराई गई ओबीसी जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करें और यदि कहीं त्रुटि हो तो उसमें सुधार की पहल करें। उन्होंने चेतावनी दी कि बीआरएस पूरे देश में कांग्रेस के “झूठे वादों” का पर्दाफाश करेगी।

क्या कहा था राहुल गांधी ने?
शुक्रवार को एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने आत्ममंथन करते हुए कहा, “मैं 2004 से राजनीति में हूं और अब 21 साल हो चुके हैं। जब पीछे मुड़कर देखता हूं, तो लगता है कि ओबीसी समुदाय के मुद्दों को मैं समय रहते नहीं समझ सका। यदि उस वक्त मुझे इन समस्याओं की गहराई का अंदाज़ा होता, तो मैं जातिगत जनगणना करवा देता। यह मेरी चूक थी, जिसे अब सुधारने की दिशा में काम करूंगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर उस समय जातिगत जनगणना हुई होती, तो शायद वह मौजूदा स्वरूप में न होती, इसलिए अब इसे बेहतर ढंग से किए जाने की जरूरत है।