जस्टिस बीआर गवई बने भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई ने भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) का पदभार संभाल लिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। जस्टिस गवई ने जस्टिस संजीव खन्ना की जगह ली, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे।

न्यायमूर्ति गवई का करियर

1985 में वकालत शुरू करने वाले न्यायमूर्ति गवई ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और बाद में स्थायी न्यायाधीश बने। 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए, जिनमें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखना प्रमुख है।

प्रमुख फैसले

  • राजीव गांधी हत्याकांड (2022): दोषियों की रिहाई को मंजूरी।
  • वणियार आरक्षण (2022): विशेष आरक्षण को असंवैधानिक ठहराया।
  • नोटबंदी (2023): 2016 की नोटबंदी को वैध ठहराया।
  • ईडी निदेशक का कार्यकाल (2023): कार्यकाल विस्तार को अवैध करार दिया।
  • बुलडोजर कार्रवाई (2024): बिना कानूनी प्रक्रिया के संपत्ति ध्वस्त करना असंवैधानिक।

पारिवारिक पृष्ठभूमि

न्यायमूर्ति गवई के पिता आरएस गवई बिहार और केरल के पूर्व राज्यपाल थे। वे अनुसूचित जाति से आने वाले देश के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले

  • राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ केस में राहत।
  • तीस्ता शीतलवाड़ और मनीष सिसोदिया को जमानत।
  • बीआरएस नेता के कविता को भी जमानत।

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