बालासोर की छात्रा को अंतिम विदाई, पिता ने ठुकराया मुआवजा, कहा- बेटी चाहिए, पैसे नहीं

ओडिशा के बालासोर जिले में यौन उत्पीड़न से आहत होकर आत्मदाह करने वाली छात्रा का अंतिम संस्कार मंगलवार को उसके पैतृक गांव में किया गया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई और बड़ी संख्या में लोगों ने छात्रा को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान छात्रा के पिता ने सरकार की ओर से दी गई मुआवजा राशि लेने से इनकार करते हुए कहा, “हमें पैसा नहीं, अपनी बेटी चाहिए।”

पिता बोले- बेटी ने सिखाया संघर्ष करना

पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने उन्हें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना सिखाया है और वे अपनी इस लड़ाई को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, “सरकार मुझे मेरी बेटी लौटा सकती है क्या? मुआवजे से मेरा कुछ नहीं होगा।” वहीं, छात्रा की मां भावुक होकर कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं थीं। दादा ने सरकार पर न्याय दिलाने में विफल रहने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने 17 जुलाई को ओडिशा बंद का आह्वान किया

छात्रा की मौत को लेकर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी भी तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास ने 17 जुलाई को ओडिशा बंद की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि छात्रा ने एफआईआर दर्ज कराने से लेकर विधायक और सांसद तक सबके पास न्याय की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने मांग की कि राज्य के शिक्षा मंत्री, स्थानीय विधायक और सांसद को इस्तीफा देना चाहिए।

यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद की थी आत्मदाह की कोशिश

12 जुलाई को बालासोर के फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज की बीएड द्वितीय वर्ष की छात्रा ने विभागाध्यक्ष पर यौन और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कॉलेज परिसर में आत्मदाह कर लिया था। बाद में उसे गंभीर हालत में एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार देर रात उसकी मृत्यु हो गई।

प्रशासन ने उठाए कदम, दो प्रोफेसर और प्राचार्य सस्पेंड

छात्रा की शिकायतों के बावजूद कार्रवाई न करने के आरोप में कॉलेज के प्राचार्य दिलीप घोष और सहायक प्रोफेसर समीरा कुमार साहू को उच्च शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। घोष को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, वहीं प्रोफेसर साहू को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उच्च शिक्षा विभाग ने पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति भी गठित की है।

ग्रामीणों और शिक्षकों ने की न्याय की मांग

ग्रामीणों ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एक शिक्षक ने कहा कि पीड़िता बेहद होनहार और साहसी छात्रा थी। बाढ़ जैसी आपदाओं में भी वह राहत कार्यों में भाग लेती थी। उसका इस तरह आत्महत्या करना अकल्पनीय है।

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