मणिशंकर अय्यर ने पहलगाम हमले में पाकिस्तान पर लगाए भारत के आरोप पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर केंद्र सरकार की विदेश नीति और रणनीति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर से भेजे गए प्रतिनिधिमंडल ने 33 देशों का दौरा किया, लेकिन इन देशों में से किसी ने भी हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया।

अय्यर ने कहा कि केवल भारत सरकार ही यह दावा कर रही है कि इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, जबकि अब तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आया है जो यह स्पष्ट कर सके कि पाकिस्तानी एजेंसियों की इसमें सीधी भूमिका थी। उन्होंने संसद में हाल ही में हुई बहस का हवाला देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर जितनी भी चर्चा हुई, उसमें भी अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं दिखा।

चीन और पाकिस्तान पर दोहरा रवैया: अय्यर

अय्यर ने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकार चीन के साथ बातचीत के लिए तैयार है, तो फिर पाकिस्तान के साथ संवाद से परहेज क्यों? उन्होंने कहा कि जानकारी के मुताबिक, चीन के सैनिक पाकिस्तान की वायुसेना के साथ एक मंच पर देखे गए थे, जो चिंता का विषय है। ऐसे में अगर चीन से कूटनीतिक संबंध बनाए जा सकते हैं तो पाकिस्तान को बातचीत से बाहर क्यों रखा जा रहा है?

पहलगाम हमले पर पहले भी दे चुके हैं विवादास्पद बयान

यह पहला मौका नहीं है जब मणिशंकर अय्यर ने पहलगाम हमले को लेकर टिप्पणी की हो। इससे पहले दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि यह घटना भारत के विभाजन से जुड़े पुराने और अनसुलझे मुद्दों की ओर इशारा करती है। उन्होंने 22 अप्रैल को हुए हमले को विभाजन की त्रासदी से जोड़ते हुए यह भी कहा था कि भारत की राष्ट्रीय पहचान और सांस्कृतिक विरासत को लेकर गांधी, नेहरू और जिन्ना जैसे नेताओं के बीच गंभीर मतभेद थे, जिनके प्रभाव अब तक महसूस किए जा रहे हैं।

भाजपा और कांग्रेस में तीखी प्रतिक्रिया

अय्यर की टिप्पणियों को लेकर भाजपा ने तीखा विरोध जताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता न केवल पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं, बल्कि आतंकवाद के प्रति नरमी भी दिखा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी के भीतर भी उनके बयानों को लेकर मतभेद देखे गए—कुछ नेताओं ने उन्हें ‘अव्यावहारिक’ और ‘पुस्तकीय सोच’ वाला बताया, जबकि कुछ ने उनका समर्थन किया।

हमले में 26 लोगों की गई थी जान, भारत ने दिया था जवाब

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरण घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल था। बताया गया कि हमलावरों ने धर्म पूछकर गोलियां चलाईं। हमले के कुछ पीड़ित हाल ही में विवाह के बंधन में बंधे थे। इस घटना के बाद भारत ने 7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी, जिसमें कई अड्डे ध्वस्त किए गए।

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