असम में 2041 तक मुस्लिम आबादी 50% के करीब पहुंच सकती है: सीएम सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में मुस्लिम आबादी के अनुपात में संभावित वृद्धि को लेकर चिंता जताई है। डिब्रूगढ़ में मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यदि जनगणना के पिछले आँकड़ों और रुझानों को देखा जाए, तो आने वाले वर्षों में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी राज्य की कुल जनसंख्या का लगभग 50% हो सकती है।

सरमा ने 2011 की जनगणना का हवाला देते हुए बताया कि राज्य की 34% आबादी मुस्लिम है, जिसमें से लगभग 3% स्थानीय असमिया मुसलमान हैं, जबकि 31% ऐसे हैं जो समय के साथ असम में आकर बस गए। उन्होंने कहा कि यदि यह रुझान 2021, 2031 और 2041 तक जारी रहता है, तो अल्पसंख्यकों की संख्या बहुसंख्यक में बदल सकती है।

असुरक्षित क्षेत्रों में हथियार देने की तैयारी

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि असम सरकार उन स्वदेशी नागरिकों को हथियार रखने की अनुमति देने की योजना बना रही है, जो राज्य के संवेदनशील और सीमावर्ती क्षेत्रों में निवास करते हैं। सरकार द्वारा इस उद्देश्य से 1 से 7 अगस्त के बीच ऑनलाइन आवेदन पोर्टल खोला जाएगा। सरमा ने बताया कि ज़िला अधिकारी आवेदन की जांच कर पात्र लोगों को लाइसेंस जारी करेंगे।

सरमा ने स्पष्ट किया कि यह कदम उन क्षेत्रों के मूल निवासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है, जहां बाहरी तत्वों के कारण असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय स्थानीय समुदायों की मांगों और सुरक्षा चिंताओं की समीक्षा के बाद लिया गया है।

स्वदेशी लोगों के अल्पसंख्यक होने पर चिंता

मुख्यमंत्री ने बारपेटा, नागांव, मोरीगांव, ग्वालपाड़ा, दक्षिण सलमारा-मनकाचर और धुबरी जैसे जिलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में मूल निवासी खुद अल्पसंख्यक हो चुके हैं और बाहरी प्रभावों के चलते दबाव में हैं। उन्होंने कहा कि इन इलाकों में स्वदेशी समुदायों को सुरक्षा की आवश्यकता है ताकि उन्हें अपनी ज़मीन छोड़कर पलायन न करना पड़े।

सरमा ने यह भी कहा कि हथियार लाइसेंस देने का उद्देश्य इन समुदायों को आत्मरक्षा का अधिकार देना है जिससे वे अपने गांव और अस्तित्व की रक्षा कर सकें। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिन क्षेत्रों में स्वदेशी आबादी कमजोर स्थिति में है, वहाँ की मांगों पर सरकार सकारात्मक रूप से विचार करेगी।

इस बीच, असम सरकार नगालैंड की सीमा से सटे गोलाघाट जिले के उरियमघाट क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाने की भी तैयारी कर रही है।

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