राज्यसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की नसों में सिंदूर नहीं, बल्कि राजनीति बह रही है, वरना पहलगाम जैसी दुखद घटनाएं नहीं होतीं।
घोष ने आरोप लगाया कि सुरक्षा में चूक के कारण आतंकवादी पहलगाम तक पहुंच सके। उन्होंने सवाल उठाया कि अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई। साथ ही यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री विदेश यात्राओं पर तो जाते हैं, लेकिन सीमा पर प्रभावित गांवों के पीड़ितों से मिलने नहीं पहुंचते।
टीएमसी सांसद ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबले पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब सरकार पाकिस्तान को सख्त संदेश देने की बात करती है, तो फिर 2025 के एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने का फैसला क्यों लिया गया?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार प्रचार को प्राथमिकता दे रही है, न कि संवेदनशीलता को। घोष ने कहा कि प्रधानमंत्री सेना की वर्दी में पोस्टरों में दिखाई दे रहे हैं, जबकि जिन गांवों पर गोलाबारी हुई, वहां अब तक कोई ठोस सहायता नहीं पहुंची है।
सागरिका घोष ने यह दावा भी किया कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से पहले सीमा से सटे गांवों में मॉक ड्रिल तक नहीं की गई और 16 नागरिकों की जान चली गई। उन्होंने युद्ध के दौरान मीडिया में फैलाई जा रही झूठी खबरों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे समय में गलत सूचना देना गंभीर अपराध है।
सांसद ने यह भी पूछा कि जब जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा सीधे केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, तो केंद्रीय गृहमंत्री इसकी जिम्मेदारी क्यों नहीं ले रहे। उन्होंने सवाल किया कि गृहमंत्री कब तक जवाबदेही से बचते रहेंगे?
घोष ने सरकार के उस दावे को भी खारिज किया जिसमें कश्मीर को ‘सामान्य’ बताया गया था। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि कश्मीर में हालात आज भी सामान्य नहीं हैं।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की हत्या कर दी गई थी। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया था।