उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं। इस घटनाक्रम के बाद विपक्ष जहां एक ओर धनखड़ के प्रति सहानुभूति प्रकट कर रहा है, वहीं दूसरी ओर राज्यसभा की मौजूदा स्थिति को लेकर गहरी नाराज़गी भी जता रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों की उपस्थिति पर गंभीर आपत्ति जताई है। उन्होंने उपसभापति को पत्र लिखकर सवाल उठाया है कि क्या यह संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं है?
CISF की तैनाती पर जताई आपत्ति
खरगे ने अपने पत्र में लिखा है कि वे स्तब्ध हैं कि किस तरह सदन के वेल में सुरक्षा बलों की मौजूदगी देखी गई, जबकि सांसद जनहित के मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नजारा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि संसदीय गरिमा के खिलाफ भी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे ऐसी स्थिति दोहराई नहीं जाएगी।
सोशल मीडिया पर भी उठी आवाज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोशल मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने भी इस पत्र को साझा करते हुए मौजूदा स्थिति पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दौरान ऐसी कार्रवाइयों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
धनखड़ के इस्तीफे पर अटकलें बरकरार
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को लेकर भी चर्चा जारी है। हालांकि इसे स्वास्थ्य कारणों से लिया गया फैसला बताया गया है, लेकिन विपक्ष इसे सहज रूप में नहीं ले रहा। उनकी चुप्पी और विपक्ष की सहानुभूति दोनों ही सियासी गलियारों में बहस का विषय बने हुए हैं।