कांग्रेस को झटका: आनंद शर्मा ने विदेश विभाग प्रमुख पद से इस्तीफा दिया

वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पार्टी के विदेश मामलों के विभाग (DFC) की अध्यक्षता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कदम पार्टी के पुनर्गठन में सहयोग करने और युवा नेताओं को इस विभाग में शामिल करने के लिए उठाया है। करीब दस वर्षों तक इस विभाग का नेतृत्व करने वाले शर्मा का कहना है कि उनका यह फैसला विभाग के कार्यों में निरंतरता बनाए रखते हुए युवाओं को अवसर देने की दिशा में एक प्रयास है।

शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे पत्र में कहा कि समिति का पुनर्गठन आवश्यक है ताकि युवा और सक्षम नेताओं को इसमें शामिल किया जा सके। उन्होंने पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस्तीफा सौंपा है, ताकि विभाग का पुनर्गठन प्रभावी ढंग से हो सके।

विदेश मामलों के क्षेत्र में कांग्रेस की भूमिका मजबूत करने में आनंद शर्मा की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व, यूरोप और लैटिन अमेरिका के प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ कांग्रेस के संबंध सुदृढ़ करने में सक्रिय योगदान दिया है। विभाग ने अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ सहयोग और प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित किया है।

आनंद शर्मा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य भी हैं और लगभग चार दशक से पार्टी के अंतरराष्ट्रीय मामलों के मुखिया रहे हैं। हाल ही में वे भारत के विदेश नीति के समर्थन में भेजे गए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे।

शर्मा ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते की वार्ता, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के लिए विशेष छूट, भारत-अफ्रीका साझेदारी और पहले भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के आयोजन जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए। वाणिज्य मंत्री रहते हुए उन्होंने डब्ल्यूटीओ समझौते और व्यापक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर भारत के व्यापारिक रिश्तों को मजबूत किया।

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