छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर सोमवार को हुए बवाल के बाद तनावपूर्ण शांति छाई हुई है। उपद्रव स्थल से लेकर गांवों में करीब पांच हजार जवान तैनात हैं। वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर आरोपियों की धरपकड़ शुरू हो गई है। भाजपा जिलाध्यक्ष को हिरासत में लिया है। इसके अलावा देर रात 35 से 40 लोगों को भी घर से उठाया गया है। वहीं रायपुर में भी विधानसभा के सामने मंगलवार को भाजपा ने प्रदर्शन किया। दूसरी ओर सर्व आदिवासी समाज ने इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है।

करीब तीन माह से थे तनाव के हालात
बताया जा रहा है कि एड़का के गौर्रा में पिछले करीब तीन माह से धर्मांतरण को लेकर तनाव के हालात बने हुए थे। पुलिस को इस संबंध में तमाम शिकायतें भी की गईं, लेकिन पुलिस ने न तो मामला दर्ज किया और न ही कोई कार्रवाई की। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए। उपद्रवियों ने पहले थाना प्रभारी से मारपीट की। इसके बाद सोमवार को बवाल सड़क पर आ गया। उपद्रवियों ने तीन चर्चों में तोड़फोड़ की है। चर्च में रखा फर्नीचर और वहां लगी मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया।

उपद्रव के बाद गांवों में डर का माहौल
नारायणपुर में बवाल से पहले ही जिले के 40 गांव संवेदनशील बने हुए हैं। बताया जा रहा है कि एड़का, बेनूर और नारायणपुर थाना क्षेत्र के इन गांवों में एक गुट के लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं। कुछ दिन पहले एड़का में ही भीड़ ने थाना प्रभारी पर हमला किया था। इसके बाद सोमवार को बवाल के बाद CAF की 16वीं बटालियन के कमांडेंट फोर्स के साथ पहुंचे और भीड़ को भगाया। इसके बाद ही एसपी को वहां से निकाला जा सका। फिलहाल पुलिस वीडियो फुटेज के जरिए आरोपियों को पकड़ने में जुटी है।

सर्व आदिवासी समाज ने कहा- घटना की निंदा करते हैं
वहीं सर्व आदिवासी समाज ने इस पूरी घटना से दूरी बना ली है। समाज के अध्यक्ष हीरा सिंह देहारी ने कहा कि, इसमें सर्व आदिवासी समाज का कोई इन्वाल्वमेंट नहीं है। आदिवासी समाज का नाम लाया जा रहा है, यह गलत है। जो गलत किया है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। किसी से मारपीट करना, धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ करना गलत है। हम किसी भी रूप में इस विवाद में नहीं आना चाहता है। जो हमारा नाम लेकर ऐसा कर रहा है, उस पर शासन कार्रवाई करें।

भाजपा ने गांधी प्रतिमा के सामने किया प्रदर्शन
दूसरी ओर भाजपा ने विधानसभा के सामने महात्मा गांधी की मूर्ति के पास प्रदर्शन किया। हाथों में पोस्टर लिए पूर्व सीएम रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल सहित अन्य विधायक प्रदर्शन में शामिल रहे। पूर्व सीएम ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की धरती पर प्रकृति के संरक्षक आदिवासी समुदाय पर ईसाई मिशनरी हमला कर रहे हैं और कांग्रेसी सरकार उन्हें बढ़ावा दे रही है। आदिवासियों की आवाज अब दबाई नहीं जा सकती, जब दाऊ आदिवासियों को न सुरक्षा और न ही आरक्षण दे पा रहे हैं तो इस्तीफा दे दें।

छह सदस्यीय जांच समिति भी बनाई
भाजपा ने नारायणपुर की घटना को लेकर छह सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की ओर से गठित की गई यह समिति संबंधित स्थानों का दौरा कर वहां से रिपोर्ट तैयार कर पार्टी को सौपेंगी। इस समिति में पूर्व मंत्री और विधायक ननकी राम कंवर, प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक शिवरतन शर्मा, कांकेर सांसद मोहन मंडावी, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय, प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा शामिल हैं।


चर्च में हुई थी तोड़फोड़, पुलिस पर किया गया था हमला
दरअसल, धर्मांतरण के विरोध में सोमवार को आदिवासी समुदाय के लोग प्रदर्शन के लिए बखरूपारा में एकत्र हुए थे। इस दौरान भीड़ ने चर्च पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। यहां तक कि चर्च के पीछे स्थित स्कूल को भी नहीं छोड़ा। जिस समय स्कूल की छुट्टी होने वाली थी, तभी भीड़ ने हमला किया। स्कूल में भी तोड़फोड़ की गई। टीचरों ने बच्चों को बचाने के लिए अंदर बंद कर दिया। एसपी समझाने के लिए पहुंचे तो उपद्रवियों ने जवानों पर हमला कर उनका ही सिर फोड़ दिया था।