छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने प्रदेश में नक्सली हमले को लेकर कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहले और वर्तमान में हुए नक्सली हमले के लिए कहीं न कहीं कांग्रेस का हाथ है। इसके लिए ननकी राम ने झीरम घाटी हत्याकांड का उदाहरण भी दिया। कहा कि, उनके गृहमंत्री रहने के दौरान इतनी बड़ी घटना हुई, लेकिन उसमें कांग्रेस का एक नेता बाइक पर भाग निकला। आखिर वहां पर बाइक कहां से मिली। पूर्व गृहमंत्री मंगलवार को मीडिया से बात कर रहे थे।
गुटबाजी के चलते हुआ झीरम हमला
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले के दौरे पर पहुंचे पूर्व गृहमंत्री कवंर ने कहा कि, कांग्रेस में आपस में जो फूट थी, कहीं न कहीं उसी के कारण झीरम में हमला हुआ। अगर नक्सली हमला अचानक हुआ तो कुछ लोग वहां से बचकर कैसे निकल जाते। उन्होंने कहा कि, तब देश में मनमोहन सिंह की सरकार थी। हमने केंद्रीय फोर्स मांगी। इसके लिए केंद्र को चिठ्ठी लिखी थी, पर फोर्स नहीं दी गई। आज बस्तर में फोर्स तो है, लेकिन सरकार उसका सद्पयोग नहीं कर पा रही है। कंवर पहले भी गुटबाजी को लेकर हमले की बात कह चुके हैं।
साय का पार्टी बदलना गलत
भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय के पार्टी छोड़ने को लेकर भी ननकी राम कंवर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, आज देश में कांग्रेस की स्थिति देखते हुए उनका पार्टी बदलना गलत है। आज तो कांग्रेस का नामोनिशान मिट रहा है। ऐसे समय मे कांग्रेस में जाना कहां तक सही है। भाजपा ने उन्हें जो दिया, वो किसी जूनियर नेता को नहीं मिला। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि, किसी व्यक्ति के जाने से पार्टी में कोई फर्क नहीं पड़ता।
झीरम घाटी नक्सल हमले में 32 लोगों की गई थी जान
छत्तीसगढ़ के बस्तर में 25 मई 2013 की शाम को दरभा की झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला किया था। उस समय कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा निकल रही थी। इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों ने चारों ओर से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। इसके चलते लोगों को बचने का मौका ही नहीं मिला। इस हमले में 32 लोगों की जान गई। इसमें बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर कांग्रेसी नेता महेन्द्र कर्मा, नंद कुमार पटेल और विद्याचरण शुक्ल के नाम भी शामिल हैं। इस हमले को कांग्रेस ने सुपारी किलिंग करार दिया था।