एम्स, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया, लेडी हार्डिंग सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों से संबंधित अस्पतालों में इलाज करवाने वाले मरीजों की अगले माह से परेशानी बढ़ सकती है। इन अस्पतालों में मई से जुलाई तक अलग-अलग तारीखों में आधे डॉक्टर गर्मियों की छुट्टी पर रहेंगे। इस दौरान मरीजों को सर्जरी, ओपीडी, जांच सहित दूसरे चिकित्सा के लिए लंबी तारीख दी जा सकती है।

एम्स में 16 मई से 15 जुलाई तक गर्मी की छुट्टियां
एम्स के प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार भारद्वाज की ओर से जारी आदेश के तहत एम्स में डॉक्टरों की गर्मियों की छुट्टियां 16 मई से शुरू हो रही हैं जो 15 जुलाई तक चलेगी। आधे डॉक्टरों का पहला सत्र 16 मई से 14 जून तक छुट्टी पर रहेगा। उनके लौटने के बाद दूसरे आधे डॉक्टरों का सत्र 16 जून से 15 जुलाई तक छुट्टी पर रहेगा। इस दौरान एम्स में आ रहे मरीजों का इलाज प्रभावित न हो इसे लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो गई है। प्रशासन से सभी विभाग प्रमुखों को व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है।

सफदरजंग-आरएमएल में घोषणा जल्द
वहीं सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया सहित अन्य अस्पतालों में भी जल्द डॉक्टरों की छुट्टियों की घोषणा की जा सकती है। केंद्र सरकार के इन चार बड़े अस्पतालों में प्रति दिन 40 से 50 हजार मरीज ओपीडी में इलाज करवाने आते हैं। वहीं हजारों की संख्या में रोजाना सर्जरी होती है। इसके अलावा हजारों जांच व दूसरे चिकित्सा सुविधाएं दी जाती हैं।

आपातकालीन मरीज को मिलेगी प्राथमिकता
डॉक्टरों ने बताया कि मरीजों को उसकी स्थिति के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। डॉक्टरों की छुट्टी के समय चिकित्सा सुविधा प्रभावित हो सकती है। ऐसे में मरीजों को उसकी स्थिति के आधार पर तारीख दी जाएगी। जो मरीज लंबे समय पर रुक सकता है उसे लंबी तारीख दी जा सकती है, जबकि गंभीर मरीजों की सर्जरी व दूसरे जांच जल्द कर दिए जाएंगे। डॉक्टरों का कहना है कि छुट्टियों के बावजूद गंभीर मरीजों के इलाज को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

एनआईसी में बढ़ेगी इलाज की सुविधा
एम्स के झज्जर स्थिति राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनआईसी) में इलाज की सुविधा बढ़ाने के लिए 71 सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति निकाली है। सबसे ज्यादा आवेदन 11 पद मेडिकल ऑन्कोलॉजी के लिए निकाले गए हैं। एनआईसी के कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने डॉक्टरों की मांग पर इन पदों पर भर्ती की सहमति दी थी। उसके निर्देश के बाद इन पदों पर आवेदन मांगे गए हैं। यहां डॉक्टरों की संख्या बढ़ने पर एम्स में कैंसर मरीजों को राहत मिलेगी। उन्हें बेहतर इलाज के लिए झज्जर भेजा जा सकेगा। मौजूदा समय में स्टाफ की कमी के कारण झज्जर में काफी मरीज आना पसंद नहीं करते। इस समस्या को दूर करने के लिए एम्स स्टाफ की संख्या बढ़ा रहा है।