बाहरी-उत्तरी दिल्ली की पुरानी बवाना नहर में गुरुवार सुबह दो सगे भाई डूब गए। इनके साथ नहाने आए दोस्तों ने शोर मचाकर राहगीरों को सारी बात बताई। इसके बाद पुलिस को खबर दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस के अलावा दमकल विभाग डीएम ऑफिस के गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची। दोनों भाई के शव बरामद हो गए हैं।
पहले रोहित की मिली लाश मिली, फिर मोहित की
मृतकों की शिनाख्त रोहित (13) और मोहित (9) के तौर पर हुई है। हादसे की खबर मिलने के बाद एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। इन लोगों ने काफी देर तक तलाश करने के बाद दोनों के शवों को बरामद कर लिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और लोगों की भीड़ मौके पर मौजूद थी।
नहर किनारे बैठे माता-पिता
दो बेटों के डूबने की खबर के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। रोहित और मोहित के माता-पिता बेटे की तलाश में नहर किनारे बैठे हुए थे। इनकी आंखों से आंसू छलक रहे थे। रिश्तेदार उनको समझाने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने रोहित और मोहित के शवों को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवा दिया है, शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम होगा।
बच्चे ने दी पुलिस को सूचना
बाहरी-उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त निधिन वालसन ने बताया कि उनको सुबह करीब 7.15 बजे दो बच्चों के बवाना नहर में डूबने की सूचना मिली तो वह वहां पहुंचे थे। बचाव दल भी वहां पहुंचा। मौके पर पुलिस को हर्ष (11) नामक बच्चा मिला। उसने बताया कि वह अपने दोस्त रोहित, मोहित व एक अन्य के साथ नहर में नहाने आए थे।
काफी देर बाद मिली मोहित की लाश
मोहित व रोहित गहरे पानी में डूब गए हैं। सूचना मिलने के बाद डीएम ऑफिस के गोताखोरों को भी मौके पर बुलाया गया। बाद में दोनों की तलाश शुरू हुई। नहर में सात-आठ किलो मीटर तक बोट दौड़ाई गईं। इसके बाद 10.44 बजे रोहित का शव पानी से बरामद कर लिया गया। इसके कुछ देर बाद मोहित की भी लाश बरामद हो गई।
15 साल पहले बदायूं से दिल्ली आया था दोनों भाइयों का परिवार...
रोहित और माोहित परिवार के साथ विजय कॉलोनी बवाना में रहते थे। इनके परिवार में पिता कैलाश कुमार, मां आशा के अलावा एक छोटा तरूण और है। कैलाश एरिया में फलों की रेहड़ी लगाता है। पूछताछ के दौरान कैलाश ने बताया कि वह करीब पंद्रह साल पहले अपने गांव जरारा, सहसवान, बदायूं, यूपी से दिल्ली आया था। विजय कॉलोनी में इसने किराए का मकान लिया हुआ है। रोहित पास के सरकारी स्कूल में आठवीं और मोहित पांचवीं कक्षा का छात्र था।
रोजाना मॉर्निंग वॉक की बात कर बवाना नहर में जाते थे नहाने...
दोनों भाई एग्जाम खत्म होने के बाद मॉर्निंग वॉक करने की बात कर बवाना नहर में दोस्तों के साथ नहाने जाते थे। इनके घर से नहर की दूरी करीब तीन किलोमीटर से ज्यादा है। इसकी वजह से दोनों साइकिल लेकर निकल जाते थे। गुरुवार सुबह दोनों पांच बजे घर से दो अन्य दोस्तों के साथ निकले थे। इसके पास वह वापस नहीं लौटे। जब बेटे घर नहीं पहुंचे तो माता-पिता को फिक्र हुई। उन्होंने मोहल्ले के दोस्तों से पूछा तो पहले तो वह मना करने लगे। बाद में डरते-डरते एक दोस्त ने दोनों के डूबने के बारे में बलाया। परिवार नहर पर पहुंचा तो तब तक बचाव दल आ चुका था।
छोटे को बचाने के चक्कर में बड़ा भी डूबा...
नहाने के दौरान सभी दोस्त अपनी-अपनी साइकिल से गए थे। हर्ष ने बताया कि यह रोजाना किनारे पर ही नहाते थे, क्योंकि आगे नहर में पानी गहरा है। इस बीच मोहित गहरे पानी में डूबने लगा तो बड़े भाई ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तैरना किसी को भी नहीं आता था। एक राहगीर ने दोनों को बचाने का प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो पाया। दोनों भाई गहरे पानी में डूब गए।