भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर समाजवादी पार्टी के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। उन्होंने यह जानने की मांग की है कि क्या दिल्ली वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली संसद मार्ग स्थित जामा मस्जिद में इमाम पद पर तैनाती ‘लाभ के पद’ की श्रेणी में आती है। साथ ही नदवी को इस पद से हटाने की भी अपील की गई है।
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में उठाए सवाल
जमाल सिद्दीकी ने अपने पत्र में लिखा कि मोहिबुल्लाह नदवी रामपुर से समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद हैं, साथ ही नई दिल्ली स्थित संसद मार्ग की जामा मस्जिद में इमाम की भूमिका भी निभा रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नदवी इस पद के लिए हर महीने ₹18,000 का मानदेय प्राप्त कर रहे हैं, जो दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा प्रदत्त है।

संवैधानिक प्रावधानों का हवाला
सिद्दीकी ने पत्र में तर्क दिया कि यह पद संविधान के अनुच्छेद 102 (1)(a) के अंतर्गत ‘लाभ का पद’ माना जा सकता है, क्योंकि यह एक वैधानिक संस्था—दिल्ली वक्फ बोर्ड—द्वारा वित्तपोषित है और संसद (अयोग्यता निवारण) अधिनियम, 1959 के तहत इसमें कोई स्पष्ट छूट नहीं दी गई है। ऐसी स्थिति में किसी सांसद द्वारा यह पद धारण करना संभावित रूप से अयोग्यता का कारण बन सकता है।
मुख्यमंत्री को भी भेजा पत्र, हटाने की मांग
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को संबोधित पत्र में भी सिद्दीकी ने नदवी को मौजूदा इमाम पद से हटाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि नदवी ने मस्जिद परिसर का उपयोग राजनीतिक गतिविधियों, विशेषकर समाजवादी पार्टी के प्रचार हेतु किया है, जो धार्मिक स्थल की मर्यादा के विरुद्ध है।

किसी योग्य व्यक्ति को दें जिम्मेदारी: सिद्दीकी
भाजपा नेता का कहना है कि पार्लियामेंट मस्जिद वक्फ बोर्ड के अधीन आती है और इमाम की भूमिका धार्मिक होती है, न कि राजनीतिक। ऐसे में उन्होंने आग्रह किया है कि मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को इस पद से हटाकर किसी अन्य योग्य व्यक्ति को यह जिम्मेदारी दी जाए, ताकि मस्जिद की गरिमा और धार्मिक उद्देश्य सुरक्षित रह सकें।