दिल्ली सरकार जल्द ही दिल्ली की सीमाओं और टोल गेट पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे स्थापित करने की योजना बना रही है। इससे उम्र पूरी कर चुके वाहन यदि दिल्ली में प्रवेश करेंगे तो उन्हें पकड़ा जाएगा। ऐसे में पुराने वाहनों को दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह दिल्ली सरकार द्वारा शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उठाए जा रहे कई नए उपायों का हिस्सा है।
अधिकारियों ने बताया कि सरकार सभी ऊंची इमारतों और व्यावसायिक भवनों के लिए छतों पर स्मॉग गन स्थापित करना अनिवार्य करने जा रही है, जबकि 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंडों पर होने वाले सभी नए निर्माणों में पीएम2.5 निगरानी उपकरण लगाने होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों की अनुमति नहीं है। इस स्थित में इन वाहनों को दिल्ली में प्रवेश को रोकने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। हाल के दिनों में जिस तरह पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाए ताकि पुराने वाहनों को ईंधन न मिले, उसी तरह सभी प्रवेश द्वारों पर ऐसे कैमरे लगाए जाएंगे। यदि ऐसा वाहन शहर की सीमा में प्रवेश करता है, तो वाहन के मालिक को तुरंत फोन पर संदेश भेजा जाएगा।
सीमाओं पर लगे परिवर्तनीय साइन बोर्ड भी ऐसे वाहनों की संख्या दिखाएंगे और उन्हें वापस लौटने के लिए कहेंगे। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में लगभग 370 पेट्रोल पंपों और 100 से अधिक सीएनजी स्टेशनों पर एएनपीआर कैमरे पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। सरकार अन्य राज्यों में पंजीकृत सभी पुराने वाहनों का डेटा एकत्र करने की संभावना तलाश रही है और उनके मालिकों को संदेश भेजकर सूचित किया जाएगा कि उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू होने से पहले बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाहनों को भी इसी तरह के संदेश भेजे जाएंगे। इसके साथ ही दिल्ली में लगभग 3,500-4,000 ऊंची इमारतों सरकारी, निजी, कॉरपोरेट हाउसिंग सोसाइटी और मॉल को ऐसी अधिसूचना के छह महीने के भीतर छतों पर स्मॉग गन स्थापित करने होंगे। सरकार रिंग रोड पर आजादपुर से गुरुग्राम सीमा तक राजौरी गार्डन, धौला कुआं और महिपालपुर के रास्ते मिस्ट स्प्रेयर स्थापित करेगी। वहीं 500 वर्ग मीटर से अधिक के भूखंडों पर होने वाले सभी नए निर्माणों को अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के साथ पंजीकरण करना होगा और धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इसके 14 निर्देशों का पालन करना होगा।